नई दिल्ली। उपज के वाजिब दाम और कर्ज माफी को लेकर शुरू हुए किसान आंदोलन का असर बाजार पर दिखने लगा है। सब्जियों की आपूर्ति ना होने की वजह से कुछ शहरों में इनकी फुटकर कीमतें बढ़ी हैं। राष्ट्रीय किसान संघ के आह्वान पर ‘गांव बंद आंदोलन’ का शनिवार को दूसरा दिन था।
देशभर में किसानों ने प्रदर्शन किया। कई जगह सड़कों पर दूध बहाया गया और सब्जियां फेंकी गई। इस आंदोलन के तहत 10 दिनों तक शहरों को फल, सब्जी और दूध की सप्लाई बंद करने का फैसला किया गया है। बंद के दूसरे दिन इसका असर मार्केट पर आना शुरू हुआ है। कुछ शहरों में सब्जियों की फुटकर कीमत में 10 से 20 रुपए की बढ़ोतरी देखी गई।
5 जून से आंदोलन और तेज करेंगे
मुंबई में ऑल किसान सभा (AIKS) ने महाराष्ट्र सरकार पर किसान विरोधी नीति अपनाने का आरोप लगाया। सभा के महासचिव अजित नावले ने कहा, पूरे राज्य के किसाना धरना प्रदर्शन कर रहे हैं मगर सरकार का रवैया अभी भी नकारात्मक बना हुआ है। उन्होंने बताया कि शनिवार को किसान संगठनों की बैठक में यह तय हुआ है कि 5 जून से आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
दिल्ली में हो सकती है समस्या
अगर राजधानी से सटे राज्यों के किसानों ने आंदोलन जारी रखा तो दिल्ली में अगले सप्ताह फल, सब्जी की किल्लत हो सकती है। आजादपुर मंडी के चेयरमैन आदिल खान ने कहा कि शनिवार को सब्जी और फल लेकर ट्रक दिल्ली पहुंचे थे लेकिन अगर आंदोलन और तेज हुआ और किसानों ने दिल्ली की सप्लाई बाधित की तो अगले सप्ताह स्थिति बिगड़ सकती है। दिल्ली की मंडियों में अभी दो दिन का स्टॉक है।
दोगुनी हुई कीमत
चंडीगढ़ के एक व्यापारी ने बताया कि टमाटर की कीमतें जो 10 से 15 रुपए प्रति किलो चल रही थीं, अचानक 20 से 25 रुपए हो गई हैं। इसी तरह से आलू, शिमला र्मिच, करेला, खीरा की फुटकर कीमतें बढ़ गई हैं।
हरियाणा में दूसरे दिन भी किसान सड़कों पर उतरे तथा दूध, सब्जियों की शहरों के लिये आपूर्ति रोकी। राज्य के अनेक हिस्सों में कथित किसानों और हुड़दंगियों ने मंडियों और शहरों की ओर सब्जियां और फल ले जा रहे ट्रकों, टैम्पुओं और रेहड़ों को रोका तथा इनकी सब्जियां जबरन सड़कों पर बिखेर दीं। इन्होंने टैंकरों और दूधियों को भी नहीं बख्शा और जबरदस्ती कर इनका दूध सड़कों पर गिरा दिया।