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अगर सदी के अंत तक तापमान 2 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया तो क्या होगा?

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर सदी के अंत तक तापमान 2 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया तो सदी के मध्य तक सालाना गर्मी से संबंधित मौतों में 370 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है।

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, द लांसेट में प्रकाशित एक विश्लेषण के अनुसार, यह नए वैश्विक अनुमान स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन पर लांसेट काउंटडाउन की 8वीं वार्षिक रिपोर्ट का हिस्सा हैं।

विश्लेषण में इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि तापमान में हो रही बढ़ोतरी को प्री-इंडस्ट्रियल लेवेल से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने की क़वायद में होने वाली किसी भी तरह की देरी से दुनियाभर में अरबों लोगों की सेहत और अस्तित्व को विनाशकारी खतरा है।

लांसेट काउंटडाउन के कार्यकारी निदेशक मरीना रोमानेलो ने यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन में एक बयान में कहा कि हमारे स्वास्थ्य आकलन से पता चलता है कि जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे दुनियाभर में जीवन और आजीविका पर भारी पड़ रहे है।

2 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म दुनिया के अनुमान एक ख़तरनाक भविष्य को दर्शाते हैं और एक गंभीर रिमाइंडर है कि अब तक इससे निपटने के लिए किए गए प्रयासों की गति और पैमाने लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि अब भी प्रति सेकेंड 1337 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित होने के बावजूद हम इतनी तेज़ी से उत्सर्जन में कमी नहीं कर पा रहे हैं कि जलवायु संबंधी खतरों को उस स्तर के भीतर रख सकें जिससे हमारी स्वास्थ्य प्रणालियां निपट सकें।

विश्लेषण में दावा किया गया है कि 1981 और 2010 के बीच सालाना की तुलना में 2021 में 122 देशों में 127 मिलियन से अधिक लोगों को मध्यम से गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना करने के लिए लगातार तेज़ गर्मी और सूखा ज़िम्मेदार था।