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“ड्रामा लंबा चौड़ा हुआ पर ठेका अंततः बादशाह के छोटे भाई और दामाद को ही मिला”
चित्र गुप्त ============= बादशाह_वजीर_और_सियार (जनश्रुति) ******************************* सुना है … शाम ढलते ही जब सियारों ने हुक्का हुवाँ शुरू किया तो बादशाह ने वजीर से पूछा – ” सियार क्यों चिल्ला रहे हैं।” वजीर भी स्वतंत्र भारत के नौकरशाह टाइप ही था उसने तपाक से उत्तर दिया। “हुजूर इन्हें ठंड लग रही है इसलिए चिल्ला रहे […]
उन सभी पुरूषो को समर्पित, जो किसी भी उम्र में घर बार छोड़कर अन्य महिला से शादी के ख़्वाब देखते है
Dr.vijayasingh ============== उन सभी पुरूषो को समर्पित जो किसी भी उम्र में घर बार छोड़कर अन्य महिला से शादी के ख्वाब देखते है दोस्तो कवि की कल्पना है अन्यथा ना ले ……. मैं ओर मेरी तन्हाई अक्सर ये बातें करते हैं कि तुम होते तो कैसा होता तुम होते तो वैसा होता…तुम मुझसे कहते आज […]
माँ एक बार फिर से गले लगाने के लिए आ….
Dr.vijayasingh ================ मुझे अच्छा लगता है माँ तुझे देखते रहना…तुम्हारी बिखरी चीज़ों का पड़ा रहना…तुम्हारी दवाइयों का बिखरा रहना…कार में खुद बैठने से पहले आपको को बैठाना आपकी छड़ी को पकड़ना जिस वक्त तुम्हारा हाथ पकड़कर सड़क पर चलती हूँ उस वक्त बहुत गर्व महसूस होता है कि मैं अपनी माँ का हाथ पकड़ रही […]