उत्तर प्रदेश राज्य

अतीक़ अहमद और अशरफ़ की हत्या करवाने में ”ये” लोग शामिल हैं : रिपोर्ट

अतीक अहमद और अशरफ की हत्या को लेकर सियासी उबाल जारी है। अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं मिल रहीं हैं। कोई हत्या को सही ठहरा रहा है तो कोई कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है। इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि आखिर दोनों को किसने मरवाया?

इस पूरे कांड के पीछे किसका हाथ है? अचानक उन्हें अस्पताल ले जाने की जरूरत क्यों पड़ी? ऐसे ही तमाम सवालों को लेकर चार थ्योरी बन रही है। पुलिस इन्हीं एंगल के इर्द-गिर्द जांच कर रही है।

 

 

आइए समझते हैं…

थ्योरी-1: राज खुलने के डर से किसी ने घटना को अंजाम दिलवाया हो
अतीक और अशरफ के पास बड़ी संख्या में उद्योगपतियों, नेताओं, अफसरों के राज थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अतीक सरकारी गवाह बनने के लिए भी तैयार था। अगर ऐसा होता तो कई नेताओं, उद्योगपतियों और अफसरों की पोल खुल सकती थी। ऐसे में संभव है कि राज खुलने के डर से किसी ने अतीक और उसके भाई की हत्या करवा दी हो। ऐसा करके वह पूरा मामला ही खत्म करवाना चाह रहा हो।

थ्योरी-2: कहीं खुद तो नहीं चलवाई गोली? गाड़ी से उतरते समय जिधर किया इशारा, उधर से चली गोली
अतीक और अशरफ की हत्या के बाद एक वीडियो सामने आया है। ये वीडियो दोनों की हत्या से चंद सेकेंड पहले का है। जिसमें वह अस्पताल गाड़ी से पहुंचता है। गाड़ी से उतरते समय अतीक किसी को इशारा करता है।

ऐसा लग रहा है कि वह किसी को खुद के पास बुला रहा है। गाड़ी पर ही खड़े होकर करीब दो से तीन सेकेंड तक वह दूसरी तरफ देखता है। इसके बाद गर्दन हिलाता है। ऐसा लग रहा है कि वह किसी को अपनी तरफ आने के लिए बोल रहा है। इसके कुछ सेकेंड बाद ही दोनों की हत्या हो जाती है। हमलावर भी साइड से आता है, जिधर अतीक इशारा कर रहा था। ये वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

 

थ्योरी-3: संपत्ति के लिए तो नहीं किसी ने मरवाया?
अतीक अहमद, अशरफ ने अपने कई करीबियों के नाम बेनामी संपत्ति करवा रखी है। पैसों का हिसाब-किताब भी दूसरों के पास ही रहता था। ऐसे में हो सकता है कि अतीक और उसके भाई ने जिन लोगों के नाम अपनी संपत्ति करवाई हो उन्हें इस बात का डर सताने लगा हो कि उनकी पोल खुल सकती है। वह भी जेल जा सकते हैं। ऐसे में ये भी संभव है कि अतीक के किसी करीबी ने ही दोनों की हत्या करवा दी हो।

यूपी कैडर के आईपीएस रहे महेंद्र सिंह कहते हैं कि संपत्ति को लेकर ऐसा होना आम बात है। फिर वह किसी बड़े उद्योगपति की संपत्ति हो या किसी माफिया की। हर जगह लड़ाई होती है। ये तय था कि अतीक से जिनका भी नाम जुड़ता, उन्हें सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता था। ऐसे में इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि किसी ने संपत्ति के लिए ही अतीक और अशरफ की हत्या करवा दी हो।

थ्योरी-4: सरकार को बदनाम करने की नियत से किसी ने हत्या करवाई हो?
पिछले कुछ साल से कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार की खूब तारीफ हो रही है। ऐसे में पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि क्या किसी ने जानबूझकर प्रदेश सरकार को बदनाम करने की नियत से तो ऐसा नहीं करवाया?

रिटायर्ड आईपीएस महेंद्र सिंह कहते हैं, ‘राजनीति में हर तरह की साजिश होती रहती है। जब भी अपराध होता है तो पुलिस हर संभावित एंगल से जांच करती है। कई बार कोई एंगल सही मिल जाता है और कई बार जांच के दौरान नया एंगल भी मिलता है। ऐसे में इस बात को भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने की नियत से भी दोनों की हत्या हो सकती है।’

अस्पताल जाने पर भी सवाल
अतीक और अशरफ के अस्पताल जाने पर भी सवाल उठ रहे हैं। धूमनगंज इंस्पेक्टर राजेश कुमार मौर्य की ओर से तहरीर दी गई है। इसमें लिखा है कि 15 अप्रैल की शाम अतीक व अशरफ ने बेचैनी होने की बात बताई। इस पर उन्हें कॉल्विन अस्पताल ले जाने के लिए रात 10.19 मिनट पर पुलिस टीम निकली। वीडियो में साफ दिख रहा था कि दोनों की तबियत ठीक है। ऐसे में अचानक क्या जरूरत पड़ गई कि दोनों को अस्पताल जाने के लिए बेचैनी होने की बात कहनी पड़ी।

सोर्स : अमर उजाला