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#अदाणी फ़्रॉड प्रकरण पर संसद में विपक्ष का हंगामा, सीजेआई की निगरानी में जेपीसी की मांग : आरबीआई ने बैंकों से मांगा अदाणी समूह के क़र्ज़ का ब्योरा : रिपोर्ट

Parliament Budget Session 2023 Live

बजट पेश किए जाने के दूसरे दिन संसद की कार्रवाई शुरू होते ही विपक्ष ने कारोबारी गौतम अदाणी के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर जोरदार हंगामा किया। इसके बाद संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया गया। दो बजे के बाद जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, विपक्ष फिर से जांच की मांग की। इसके बाद संसद के दोनों सदनों लोकसभा व राज्यसभा की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच के लिए बनें संसदीय कमेटी: विपक्ष
कारोबारी गौतम अदाणी के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर विपक्ष ने संसदीय कमेटी बनाने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि सीजेआई की निगरानी में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की जाए, जिससे लोगों के सामने सच आ सके।

हम आर्थिक मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं: खरगे
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, सभी पार्टियों के नेताओं ने मिलकर एक फैसला लिया है कि आर्थिक दृष्टि से देश में जो घटनाएं हो रही हैं उसे सदन में उठाना है इसलिए हमने एक नोटिस दिया था। हम इस नोटिस पर चर्चा चाहते थे, लेकिन जब भी हम नोटिस देते हैं तो उसे खारिज कर दिया जाता है। उन्होंने कहा, हमने LIC, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा बाजार मूल्य खोने वाली कंपनियों में निवेश के मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत बिजनेस नोटिस दिया था।

चीन मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव नोटिस
भारत-चीन सीमा विवाद के मुद्दे पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। इसके साथ ही उन्होंने अदाणी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर भी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की जाने की मांग की है।

विपक्ष ने की बैठक
संसद की कार्रवाई शुरू होने से पहले विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने के लिए बैठक की। राज्यसभा नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में हुई बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओब्रायन, द्रमुक की कनिमोई, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के संजय राउत और कुछ अन्य दलों के नेता मौजूद रहे। बैठक में चीन, महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई।

अदाणी प्रकरण पर संसद में विपक्ष का हंगामा, जेपीसी की मांग

कांग्रेस ने अदाणी एंटरप्राइजेज पर कटाक्ष करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि अदाणी का नैतिक रूप से सही होने की बात करना वैसे ही है जैसे उनके ‘प्रधान मेंटर’ द्वारा विनम्रता, सादगी और विशाल हृदयता के सद्गुणों का उपदेश देना है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि यह ‘एंटायर पॉलिटिकल साइंस’ है।

अदाणी एंटरप्राइजेज ने बुधवार को अपने 20 हजार करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की। हालांकि, कंपनी के एफपीओ को मंगलवार को पूर्ण अभिदान मिल गया था। समझा जाता है कि अदाणी एंटरप्राइजेज ने यह कदम अमेरिका की शॉर्टसेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद उठाया है।

अदाणी एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने कहा, ‘‘ एफपीओ को पूर्ण अभिदान मिलने के बाद कल उसे वापस लेने के फैसले से कई लोगों को हैरानी हुई होगी, लेकिन कल बाजार में आए उतार-चढ़ाव को देखते हुए बोर्ड को लगता है कि एफपीओ को जारी रखना नैतिक रूप से सही नहीं होगा।’’

रमेश ने ट्वीट किया, “अदाणी का नैतिक रूप से सही होने की बात कहना वैसे ही है जैसे उनके प्रधान मेंटर द्वारा विनम्रता, सादगी और विशाल हृदयता के सद्गुणों का उपदेश देना। यह ‘एंटायर पॉलिटिकल साइंस’ है।” ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की पिछले हफ्ते आई रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है। गिरावट का यह सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा। पिछले पांच कारोबारी सत्रों में समूहों की कंपनियों का सामूहिक बाजार पूंजीकरण सात लाख करोड़ रुपये घट गया है।

 

अदाणी प्रकरण पर संसद में विपक्ष का हंगामा, जेपीसी की मांग

अदाणी प्रकरण के बीच संसद में भी इस विपक्ष का हमला शुरू हो गया है। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि एक संयुक्त संसदीय समिति या सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई की देखरेख में इस मामले की जांच होनी चाहिए। वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा है कि हम मांग करेंगे कि कथित गड़बड़ी की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाना चाहिए। अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, “सवाल केवल एक प्रमोटर के बारे में नहीं है, बल्कि ये पूरे रेग्युलेटरी सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है।

आरबीआई ने बैंकों से मांगा अदाणी समूह के कर्ज-निवेश का ब्योरा

भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के बैंकों से अदाणी समूह में उनके एक्पोजर की जानकारी मांगी है। सरकार और बैंकिंग क्षेत्र के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि केंद्रीय बैंक ने विभिन्न घरेलू बैंकों से अदाणी समूह में उनके निवेश और ऋणों के के बारे में जानकारी देने को कहा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने यह कदम वर्तमान में जारी अदाणी समूह के शेयरों में उठा-पटक के बाद लिया है। बीते दिन ही अदाणी समूह ने अपना एफपीओ वापस ले लिया था। गुरुवार की सुबह शेयर बाजार खुलने के बाद अदाणी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है।

माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक विभिन्न बैंकों से अदाणी समूह में उनकी ओर से दिए गए ऋण व निवेश की जानकारी लेकर यह सुनिश्चित करना चाहती है कि अदाणी के शेयरों में ताजा उठा-पटक के माहौल के बीच बैंकों की वित्तीय स्थिति ठीक बनी रहे। बता दें कि अदाणी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। इस बीच अदाणी समूह ने अपना एफपीओ भी वापस लेने का फैसला भी कर दिया है।