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अदाणी मामला तूल पकड़ता जा रहा है : जयराम रमेश ने कहा- सुप्रीम कोर्ट समिति पीएम और अदाणी के बीच गहरी सांठगांठ को सामने नहीं ला सकती!

अदाणी मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शरद पवार के बयान से खुद को अलग कर लिया। जयराम रमेश ने कहा कि ये उनके अपने विचार हो सकते हैं, लेकिन 19 पार्टियां इस पर एकमत हैं कि पीएम मोदी से जुड़े अदाणी ग्रुप का मुद्दा बहुत गंभीर है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की समिति को ज्यादा उपयोगी बताया है।

उन्होंने शनिवार को कहा कि अदाणी पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को देखने के लिए सुप्रीम कोर्ट समिति के संदर्भ की शर्तें सीमित हैं। यह समिति प्रधानमंत्री और अदाणी के बीच गहरी दोस्ती को सामने नहीं ला पाएगी।

बता दें, एक दिन पहले ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सुप्रीमो शरद पवार ने इस समिति को उपयोगी बताया था। उन्होंने कहा था कि यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमिटी जेपीसी से ज्यादा उपयोगी होगी।

एआईसीसी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की समिति के संदर्भ की शर्तें बहुत सीमित हैं। यह पीएम और अदाणी के बीच गहरी सांठगांठ को सामने नहीं ला सकती है। केवल एक जेपीसी ही हम अदाणी के हैं कौन के 100 और उससे भी अधिक सवालों के जवाब ढूंढ सकती है।

गौरतलब है, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि सच्चाई छुपाते हैं, इसलिए रोज गुमराह करते हैं! सवाल वही रहता है- अदाणी की कंपनियों में 20 हजार करोड़ रुपये का बेनामी पैसा किसका है? उन्होंने अदाणी के नाम के साथ एक तस्वीर भी लगाई और उसमें गुलाम, सिंधिया, किरण, हिमंत, अनिल के नामों को शामिल किया। इन नामों को शामिल करने का मतलब यह था कि अदाणी मामले से ध्यान हटाने के लिए ये मुद्दे उठाए जा रहे हैं।

शरद पवार का बयान
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने अदाणी मुद्दे पर जेपीसी के गठन की मांग को लेकर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कांग्रेस की ओर से बार-बार संसद में उठाई जा रही इस मांग से खुद को अलग करते हुए कहा कि इससे कुछ खास फायदा नहीं होगा। पवार ने आगे कहा, “मेरी पार्टी ने अदाणी मुद्दे पर जेपीसी का समर्थन किया है, लेकिन मुझे लगता है कि जेपीसी पर सत्तासीन पार्टी का कब्जा रहेगा, इसलिए इससे सच्चाई सामने नहीं आ पाएगी। तो मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाला पैनल ज्यादा बेहतर तरीके से सच्चाई सामने ला सकता है।”

पवार ने आगे कहा, “आज कल अंबानी-अदाणी का नाम सरकार की आलोचना के लिए इस्तेमाल होने लगा है, लेकिन हमें यह देश के लिए उनके योगदान के बारे में सोचना चाहिए। मुझे लगता है कि हमारे लिए बेरोजगारी, महंगाई और किसानों का मुद्दा ज्यादा अहम है।”

2024 के आम चुनाव पर भी बोले थे पवार

एनसीपी प्रमुख ने 2024 आम चुनाव से पहले विपक्षी दलों की एकता को लेकर भी अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर एक संयुक्त बैठक की, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई। कुछ मसलों पर हमारी सहमति नहीं थी और हमने उन बातों को लेकर अपने विचार भी रखे।