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अपनी पत्नी से प्रेम करो! उससे ही प्रेम संबंध रखो! : आपको यौन क्रिया की ज़रूरत है और आप यौन क्रिया चाहते हैं!!

सुलैमान के नीतिवचनों से बुद्धि
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नीतिवचन 5:15
अपने ही कुण्ड से पानी, और अपने ही कुएं से बहता पानी पी।
अपनी पत्नी से प्रेम करो! उससे ही प्रेम संबंध रखो! अपने विवाह को दुनिया में सबसे गर्म और जोशीला बनाओ! आपका किसी दूसरी महिला पर कोई अधिकार नहीं है। आपको किसी अन्य स्त्री को देखना तक नहीं चाहिए, किसी अन्य स्त्री के विषय में सोचना भी नहीं चाहिए, किसी अन्य स्त्री के साथ फ़्लर्ट नहीं करना चाहिए, या कभी भी किसी अन्य महिला को यौन रूप से (कामेच्छा से) स्पर्श नहीं करना चाहिए।

इसका पालन करें! आज! यह आपके जीवन के लिए परमेश्वर की योजना और इच्छा है। वह चाहता है कि आप अपनी अच्छी पत्नी के साथ एक अच्छा यौन जीवन व्यतीत करें। “प्रिय हरिणी या सुंदर सांभरनी के समान उसके स्तन सर्वदा तुझे संतुष्ट रखें, और उसी का प्रेम नित्य तुझे आकर्षित करता रहे” (नीतिवचन 5:19)।

सच्चा परमेश्वर जानता है कि जीवन नीरस और निराश करने वाला हो सकता है, इसलिए उसने आपको सृष्टि के अपने सबसे उत्तम उपहारों में से एक दिया है: “अपने व्यर्थ जीवन के सारे दिन जो उसने सूर्य के नीचे तेरे लिए ठहराया है, अपनी प्यारी पत्नी के संग में बिताना, क्योंकि तेरे जीवन और तेरे परिश्रम में जो तू सूर्य के नीचे करता है तेरा यही भाग है” (सभोपदेशक 9:9)।


परमेश्वर ने प्यार, यौन क्रिया और उस स्त्री के हर उस पहलू को बनाया है जिसकी आपको ज़रूरत है – आपकी पत्नी। वह जानता है कि आपको यौन क्रिया की जरूरत है और आप यौन क्रिया चाहते हैं, इसलिए उसने उस स्त्री को चुना जो आपकी पत्नी है, ताकि आप इसे उनके साथ व्यवहार में लाए जब तक कि आप दोनों माहिर न हो जाओ। अन्य सभी स्त्रियां वर्जित है। “विवाह सब में आदर की बात समझी जाए, और विवाह-बिछौना निष्कलंक रहे, क्योंकि परमेश्वर व्याभिचारियों का न्याय करेगा” (इब्रानियों 13:4)।

बाइबल प्रेम, विवाह और यौन क्रिया की संपूर्ण विवरणिका है। परमेश्वर ने यौन क्रिया का आविष्कार किया, इसलिए उसे इसके विषय में पूरा ज्ञान है। क्या आपने बाइबल पढ़ी है और अपने विवाह को उत्तम रखने के लिए इसका उपदेश सुना है? यदि आपने इसे पढ़ा और इसका प्रचार सुना है, तो क्या आपने अपनी पत्नी के चुनाव में परमेश्वर के सार्वभौमिक और ईश्वरकृत चुनाव और आपको उसके साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए, इस पर उसके आदेशों के प्रति समर्पण किया है?

पानी, जो मध्य-पूर्व की शुष्क ऋतु में एक अनमोल आशीष है, यहां पर एक स्त्री के साथ यौन सुख के लिए एक रूपक के रूप में प्रयुक्त हुआ है। जल प्यास को तृप्त करता है, जो जीवित रहने के लिए आवश्यक है, और एक प्यासी आत्मा के लिए बहुत सुखदाई है (नीतिवचन 25:25)। पुरुष कुओं से ताजा पानी खींचते थे, वे हौंदों में अतिरिक्त पानी जमा करते थे। प्रत्येक व्यक्ति को अपने परिवार और स्वयं को जीवित रखने के लिए अपनी व्यक्तिगत की आपूर्ति की आवश्यकता होती थी।

पुरुषों को यौन सुख रूपी पानी की आवश्यकता होती है, क्योंकि परमेश्वर ने इसके लिए उनमें एक बड़ी इच्छा और आवश्यकता रखी है (उत्पत्ति 2:18; व्यवस्थाविवरण 21:11; 1 कुरिन्थियों 7:2,5,9)। कोई भी अपवाद इस प्रसिद्ध नियम को संशोधित करने और इसे रद्द करने के बजाय इसकी पुष्टि करता है (मत्ती 19:10-12, 1 तीमुथियुस 4:3, 1 कुरिन्थियों 9:5)। पुरुषों को किसी न किसी तरह से यौन क्रिया की आवश्यकता होती है, लेकिन परमेश्वर अन्य सभी प्राणियों या व्यक्तियों के साथ यौन रिश्ता रखने की निंदा करता है सिवाय आपकी पत्नी के।


पुरुषों कों परमेश्वर की संरचना के अनुसार, भोजन की भी आवश्यकता होती है, और वे उसकी इच्छा करते हैं और परमेश्वर से इसकी आशीष का आनंद लेते हैं (भजन संहिता 104:14-15; सभोपदेशक 9:7), परंतु बिना सीमा या अनुशासन के पीना और खाना, पाप और मूर्खता है (नीतिवचन 23:20)। पुरुषों को पेटूपन और मतवालेपन से घृणा करनी चाहिए, और उन्हें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि यौन रूपी जल के लिए परमेश्वर के नियमों को तोड़ना पाप है और न्याय के योग्य है।

एक पुरुष की अपनी पत्नी परमेश्वर की ओर से एक बड़ा उपहार है, जिसके लिए उसे परमेश्वर को अवश्य धन्यवाद देना चाहिए (नीतिवचन 18:22; 19:14)। याकूब पर विचार करें: “अतः याकूब ने राहेल के लिए सात वर्ष सेवा की; और वे उसको राहेल की प्रीति के कारण थोड़े ही दिनों के बराबर जान पड़े (उत्पत्ति 29:20)। एक पुरुष केवल अपनी ही पत्नी से गहरा यौन संबंध रख सकता है, किसी अन्य महिला से नहीं, चाहे अविवाहित हो या विवाहित।

किसी भी पुरुष को दूसरे के हौजों या कुओं के विषय में विचार तक नहीं करना चाहिए, क्योंकि परमेश्वर ने उसके लिए जो पत्नी चुनी है, वह उसकी ज़रूरतो और खुशी के लिए काफी है। दूसरों के हौजों और कुओं पर विचार करना पाप है और गंभीर मूढता के लिए द्वार खोलते हैं (नीतिवचन 6:25; अय्यूब 31:1; मत्ती 5:28)। कोई भी स्त्री किसी भी पुरुष के लिए पर्याप्त होती है, और परमेश्वर ने आपकी पत्नी को सिर्फ आपके लिए चुना है।

क्या आप अपने विवाहित जीवन में निराश या कुंठित है? क्या आप जो लिखा गया है उससे सहमत हैं, लेकिन व्यक्तिगत रूप से उसका अनुभव नहीं कर रहे हैं? क्या आप प्यासे हैं, और आपकी पत्नी नीरस प्रतीत होती है? या आप पानी देख सकते हैं, लेकिन आप इसका स्वाद शायद ही कभी या कभी नहीं ले पाते हैं? क्या आपके हौज और कुएँ का पानी अब कुछ गुनगुना और बदबूदार, थोड़ा भी आकर्षक नहीं रह गया है?

यदि घर में पानी की आपूर्ति में किसी तरह की कमी है, तो शायद पंप को चालू करने की जरूरत है। बहता हुआ पानी प्राप्त करने के लिए आप एक पंप को कैसे चालू करते हैं? अपनी पत्नी के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा प्रेम, यौन क्रिया, विवाह और स्त्रियों के निर्माता ने आपको उसके साथ करने के लिए कहा है। यह कितना आसान है। परमेश्वर ने उसे (स्त्री) गुलाब की तरह परिपूर्ण बनाया है, लेकिन धूप, बारिश, मिट्टी और पोषण की कमी के कारण वह मुरझा जाएगी।
परमेश्वर और सुलैमान आपको आदेश देते हैं कि आप उसके साथ एक पालतू मादा हरिणी की तरह नाज़ुकता और कोमलता से व्यवहार करें, उसके शरीर से पूरी तरह से संतुष्ट रहे, उसके साथ प्रेम-क्रिया का भरपूर आनंद लेना चुनें। “प्रिय हरिणी सुंदर सांभरनी के समान उसके स्तन सर्वदा तुझे संतुष्ट रखें, और उसी का प्रेम नित्य तुझे आकर्षित करता रहे” (नीतिवचन 5:19)। परमेश्वर आपकी पत्नी को जानता है। उसके मार्ग पर चलने का प्रयास करें।


पौलुस ने आपको अपनी पत्नी से अपने देह के समान प्रेम करने और उसकी देखभाल करने और उसका पालन पोषण करने के लिए कहा (इफिसियों 5:25-29)। राजा सुलैमान ने एक प्रेम गीत लिखा जो प्रेमिका और प्रेमक्रिड़ा के जोश और विवरण का वर्णन करता है। क्या आपने श्रेष्ठगीत पढ़ा है? क्या आपने अपनी पत्नी से बात करने और उसके साथ ऐसा व्यवहार करने की कोशिश की है जैसा इस मनुष्य ने अपनी प्रिय पत्नी के साथ किया?

इस नीतिवचन के द्वारा स्वयं को अपनी पत्नी तक सीमित रखने के लिए दी गई कड़ी चेतावनी में अश्लील साहित्य का उपयोग शामिल है, जो मूर्खतापूर्ण तरीके से किसी अन्य स्त्री से दृष्टि के सुख कों चुरा लेता है, आपकी स्त्री के लिए असंतोष का कारण बनता है और आपकी स्त्री के आत्मविश्वास या इच्छा को चोट पहुंचाता है जिसकी आपको अपनी पत्नी में आवश्यकता और चाह‌ है। आपकी पत्नी उतनी ही आकर्षक होगी जितना आप चुनते हैं या वैसा होने में उसकी मदद करते हैं।

प्रत्येक मसीही महिला, परमेश्वर की हर बेटी को सावधान और विश्वासयोग्य होना चाहिए ताकि यह सुनिशिचत हो सके कि उसका पति गहराई से, अक्सर और सुखद रूप से उससे पीए, कहीं ऐसा न हो कि उसके स्वयं के हौज और कुएँ की कड़वाहट या सूखेपन के कारण वह उन कुंओ में जाए जो उसके नहीं है (1 कुरिन्थियों 7:2-5)। प्रेम की राह में पति की अगुवाई के साथ, पति और पत्नी दोनों मिलकर अपने वैवाहिक जीवन के आनंद को घनिष्ठ करें।