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मज़ा भी नहीं है सज़ा भी नहीं है….नहीं मर्ज़ चाहत, शिफ़ा भी नहीं है : उमेश विश्वकर्मा ‘आहत’ की दो ख़ूबसूरत ग़ज़लें पढ़िये!
Umesh Vishwakarma Aahat ================ बहरे- मुतकारिब मुसमन सालिम अर्कान= फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन तक़्तीअ= 122, 122, 122, 122 क़ाफ़िया= (आ- स्वर) रदीफ़= भी नहीं है ग़ज़ल * मज़ा भी नहीं है सज़ा भी नहीं है । नहीं मर्ज़ चाहत, शिफ़ा भी नहीं है । * कभी दोस्ती में दग़ा भी नहीं है । मगर ये […]
——— अब मत आना मॉम… माँ ——–#######
Ravindra Kant Tyagi From Ghaziabad, India =============== चार साल की उम्र की बहुत सी बातें अब मस्तिष्क से धूमिल हो गई हैं किन्तु वो पल हमेशा याद रहा जब मेहमानों के छोटे से समूह के सामने मुझ छोटे से बालक को अजीब से असमंजस में ड़ाल दिया गया था। बारह सितंबर की सुहानी शाम थी। […]
इंतज़ार…कुछ लम्हे, कुछ बातें, कुछ मुलाक़ातें संजो कर रखी हैं तुम्हारे लिए…By-सुमन मोहनी
Suman Mohini ============== इंतजार कुछ लम्हे कुछ बातें कुछ मुलाकातें संजो कर रखी हैं तुम्हारे लिए जब फुर्सत हो तुम्हें तो तुम आ जाना सुन जाना कुछ मेरे मन की कुछ अपने मन की सुना जाना कर लेना मुझसे आंखे दो चार कुछ समय मेरे साथ बिता जाना बांट लेना कुछ दर्द अपना कुछ मेरा […]