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अफ़ग़ानिस्तान भुखमरी की कगार पर : रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र संघ से संबंधित विश्व खाद्य संगठन ने चेतावनी दी कि अफ़ग़ानिस्तान में अकाल का सबसे बड़ा खतरा है और लाखों लोगों को बचाने के लिए इस देश को खाद्य सहायता, अंतिम उपाय है।

यह पहली बार नहीं है कि जब अफ़ग़ानिस्तान में मानवीय मुद्दों से संबंधित संस्थाएं अफ़ग़ान जनता के खान पान और रहन सहन की स्थिति की उपेक्षा के मानवीय परिणामों के बारे में चेतावनी दे रही हैं।

इन सबके बावजूद इस बारे में उच्चतम स्तर पर विश्व खाद्य संगठन की चेतावनी अफ़ग़ानिस्तान में मानवीय स्थिति के बिगड़ने का संकेत देती है।

ऐसे में कुछ ग़रीब परिवारों ने अफ़ग़ानिस्तान में मीडिया से कहा है कि ग़रीबी और बेरोज़गारी बढ़ने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है और वे अपने जीवन यापन का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं और वे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से मदद की गुहार करते हैं।

संयुक्त राष्ट्र ने पहले बताया था कि अगस्त 2020 से अफ़ग़ानिस्तान में हर दस में से नौ परिवार पर्याप्त भोजन नहीं बना पा रहे हैं। अफ़ग़ानिस्तान में राजनीतिक मुद्दों के विशेषज्ञ सैयद हुसैन मज़ारी कहते हैं कि अफ़ग़ानिस्तान में मानवीय संकट में विभिन्न कारण शामिल हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण पश्चिमी हमलावरों विशेषकर अमेरिका द्वारा पिछले दो दशकों में अफ़ग़ानिस्तान के आर्थिक, उत्पादक और औद्योगिक बुनियादी ढांचे का विनाश है। दो दशकों के अतिग्रहण के बाद अफ़ग़ानिस्तान के लिए उनकी विरासत अफ़ग़ानिस्तान में विनाश और ग़रीबी, बढ़ती असुरक्षा और आतंकवाद है और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं लगातार उनके मानवीय परिणामों के बारे में चेतावनी देती रही हैं।

संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार, अफ़ग़ानिस्तान में 20 मिलियन लोगों को यह नहीं पता है कि उनके अगले भोजन के लिए भोजन कहां से आएगा जबकि अन्य 60 लाख लोग अकाल के कगार पर हैं।

इसका मतलब अफ़ग़ानिस्तान में मानवीय आपदा के बारे में चेतावनी दी गयी है, चिंता इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि विश्व खाद्य कार्यक्रम ने चेतावनी दी है कि इस साल मई में खाद्य भंडार समाप्त हो जाएगा और ये परिवार सबसे कठिन परिस्थितियों में होंगे।

यद्यपि यूक्रेन संकट ने अफ़ग़ानिस्तान पर वैश्विक ध्यान को फीका कर दिया है लेकिन अफ़ग़ानिस्तान की संपत्तियों को ज़ब्त करके अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को गंभीर आघात पहुंचाया है, इस तरह से कि दुर्भाग्य से अफ़ग़ान संकट के मद्देनजर, वाशिंगटन ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पर अफगान संकट की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है।

राजनीतिक मुद्दों के विशेषज्ञ अली खेज़ाई कहते हैं कि अफ़ग़ानिस्तान में कई संभावित क्षमताएं पायी जाती हैं जिनमें कृषि क्षेत्र भी शामिल है और अगर इन क्षमताओं का सही तरीक़े से उपयोग किया जाता है तो यह अपनी कई जरूरतों को ख़ासकर कृषि क्षेत्र में पूरा कर सकता है लेकिन पिछले दो दशकों में न केवल अफ़ग़ानिस्तान के कृषि के बुनियादी ढांचे को भी हमलावरों ने नष्ट किया बल्कि उन्होंने अपने लाभ के लिए खेती की भूमि को अफ़रम की खेती और मादक पदार्थों के उत्पादन की ज़मीन में बदल दिया और अब अफ़ग़ान जनता अकाल का सामना कर रही है।