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अफ़ग़ानिस्तान में अब भी अमरीकी विनाश की निशानियां मौजूद हैं : चीन

चीन का कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान में अब भी अमरीकी विनाश की निशानियां मौजूद हैं।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान समय का अफ़ग़ानिस्तान, अमरीकी क्रियाकलापों का एक स्पष्ट उदाहरण है।

वांग वेनबीन कहते हैं कि अमरीका ने दो दशकों के दौरान अफ़ग़ानिस्तान को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। अफ़ग़ानिस्तान की एक पीढ़ी पूरी तरह से बर्बाद हो गई। अफ़ग़ानिस्तान पर अमरीका के नियंत्रण के दौरान एक लाख 74 हज़ार लोगों की जानें चली गईं जिनमें 30 हज़ार आम नागरिक थे।

इस दौरान लाखों लोग पलायन करने पर विवश हुए। उन्होंने कहा कि इस समय अफ़ग़ानिस्तान के लाखों लोगों के सामने मौत का ख़तरा मंडरा रहा है। 18.9 मिलयन लोगों के पास खाने को नहीं है। वहां के लगभग तीस लाख बच्चे, पैसों के अभाव से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के अनुसार यह सबकुछ अमरीकी क्रियाकलापों के कारण संभव हुआ है।

इसी बीच लैंज़ेओ विश्व विद्यालय के प्रोफेसर कहते हैं कि अफ़ग़ानिस्तान का विकास कभी भी अमरीका का लक्ष्य नहीं रहा है। जेऊ यून्ग्यावो का कहना है कि अमरीका ने अफ़ग़ानिस्तान को एक प्रयोगशाला के रूप में प्रयोग किया। उन्होंने बताया कि 20 साल के अफ़ग़ानिस्तान के परिवेष्टन के दौरान दो ट्रिलियन डाॅलर ख़र्च हुए, 2400 अमरीकी सैनिक मारे गए और 20 हज़ार अमरीकी सैनिक घायल हुए।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता कहते हैं कि अमरीका की ग़ैर सरकारी संस्थाओं के आंकड़ों के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी क्रियाकलापों का भुगतान इस समय अमरीकी समाज कर रहा है। सन 2001 से लेकर अब तक एक लाख 14 हज़ार पुराने सैनिकों ने आत्महत्याएं कर लीं। उनका कहना है कि अमरीका अब भी मानवाधिकारों की सुरक्षा और लोकतंत्र की स्थापना के बहाने दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है।