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अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी सैनिकों के अपराध : रिपोर्ट

अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी सैनिकों द्वारा किये जाने वाले अपराध की समीक्षा आईसीसी में न किये जाने पर रूस ने इसकी कड़ी आलोचना की है।

रूसी विदेशमंत्री सरगेई लावरोफ ने कहा है कि अमरीका और पश्चिम ने अन्तर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय का बहिष्कार इसलिए किया है ताकि अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी सैनिकों द्वारा किये जाने वाले अपराधों की समीक्षा इसमें न की जा सके। उन्होंने कहा कि आईसीसी इस मामले की समीक्षा करने जा रहा था।

रूस के विदेशमंत्री का इशारा इंटरनैश्नल क्रिमिनल कोर्ट द्वारा अमरीका और नेटो के सैनिकों के युद्ध अपराधों की समीक्षा करने की ओर है। आईसीसी की ओर से एलान किया गया है कि इस संदर्भ में कई प्रमाणों की मौजूदगी के बावजूद वह इनकी समीक्षा नहीं कर पाएगा। अन्तर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने दिसंबर 2006 को अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी और नेटो के सैनिकों के युद्ध अपराध की समीक्षा का काम शुरू किया था। इस न्यायालय के तत्कालीन महान्यायवादी ने सन 2017 में इसके न्यायधीशों से मांग की थी कि वे अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी और नेटो के सेनिकों के क्रियाकलापों की गहन समीक्षा करें।

इस फैसले के बाद अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सत्तकाल में उनके तथा आईसीसी के अन्य सदस्यों के विरुद्ध प्रतिबंधों के कारण न्यायालय ने अपने फैसले में पुनर्समीक्षा का फैसला किया था। उधर बहुत से मानवाधिकार संगठनों ने इस बात की कड़ी आलोचना की है कि न्यायालय ने अमरीकी सेैनिकों के युद्ध अपराधों के विषय को अपनी वरीयता में शामिल नहीं किया।

हालांकि इसी अन्तर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने युद्ध अपराध का आरोप मढते हुए रूस के राष्ट्रपति विलादिमीर पुतीन की गिरफ़्तारी का वारेंट जारी किया है। उसका दावा है कि रूसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन में युद्ध अपराध किये हैं। वही आईसीसी जो स्वयं को मानवता विरोधी अपराधों की समीक्षा करने वाली अन्तर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में पेश करता है उसने 17 मार्च को पुतीन की गिरफ्तारी की आदेश जारी किया है। इससे पता चलता है कि वह किसके इशारों पर काम करता है।

इसी बीच रूस की फेड्रेशन जांच समिति ने घोषणा की है कि राष्ट्रपति विलादिमीर पुतीन की गिरफ्तारी का वारेंट जारी करने के कारण वह इसकी शिकायत करके मामले को आगे बढ़ाएगा। उसका मानना है कि आईसीसी का यह फैसला पूरी तरह से ग़ैर क़ानूनी है। इसी बीच माॅस्को ने सचेत किया है कि विलादिमीर पुतीन की गिरफ़्तारी के लिए किसी भी प्रकार के प्रयास को रूस के विरुद्ध युद्ध के रूप मे देखा जाएगा।