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अमरीका आजकल आतंकी गुट दाइश के प्रचार में लगा हुआ है : तालेबान

तालेबान का कहना है कि अमरीका आजकल आतंकी गुट दाइश के प्रचार में लगा हुआ है।

अमरीकी आतंकी सैन्य कमान सेंटकाम के प्रमुख ने दावा किया है कि अगले छह महीनों के भीतर दाइश, एक बार फिर अफ़ग़ानिस्तान में अमरीका या पश्चिमी हितों को लक्ष्य बना सकता है।

इसी बीच तालेबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने ट्वीट किया है कि दाइश के बारे में अमरीकी सैन्य अधिकारी का दावा वास्तविकता से बहुत दूर है। उन्होंने लिखा है कि अफ़ग़ानिस्तान में विगत की तुलना में दाइश की गतिविधियां तुलनात्मक रूप में बहुत कम हो चुकी हैं। इससे पहले तालेबान के विदेश मंत्री अमीर ख़ान मुत्तक़ी ने दावा किया था कि अफ़ग़ानिस्तान के भीतर दाइश सहित कोई भी विरोधी गुट मौजूद नहीं है। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा था कि आतंकी कार्यवाहियों में विदेशी तत्व लिप्त रहे हैं।

आतंकी गुट दाइश के बारे में अमरीकी सैन्य अधिकारी का बयान एसी हालत में आया है कि जब इराक़, सीरिया और अफ़ग़ानिस्तान में दाइश को अस्तित्व दिनाने में अमरीका की उल्लेखनीय भूमिका रही है। इस बात को अब अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी स्वीकार किया जा रहा है। अब एसा लग रहा है कि अफ़ग़ानिस्तान से अमरीकी सैनिकों की लज्जाजनक वापसी के लगभग डेढ वर्ष के बाद वाइट हाउस अफ़ग़ानिस्तान में दाइश के ख़तरे को दर्शाकर इस देश की स्थति को अधिक अस्थिर दिखाना चाहता है अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी सैनिकों की उपस्थिति से जो अशांति उत्पन्न हुई है उसपर पर्दा डाला जा सके। अमरीकी उपस्थिति के कारण अफ़ग़ानिस्तान की जनता इस समय विषम परिस्थतियों में जीवन गुज़ार रही है।

हालांकि अफ़ग़ानिस्तान में दाइश की मौजूदगी को अनेदखा नहीं किया जा सकता लेकिन अमरीका इस मुद्दे को उठाकर लोगों में यह संदेश देने का प्रयास कर रहा है कि अफ़ग़ानिस्तान की वर्तमान अशांति और मुश्किल की ज़िम्मेदारी हमपर नहीं बल्कि तालेबान पर आती है। इस प्रकार के दावे करके अमरीकी कभी भी अफ़ग़ानिस्तान में किये गए अपने अत्याचारों और अपने कुकर्मों पर पर्दा नहीं डाल सकते। आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष के दावे में अमरीका पूरी तरह से विफल सिद्ध हुआ है।

अब जबकि तालेबान की ओर से अमरीका के इस दावे को रद्द किया जा चुका है कि अफ़ग़ानिस्तान में दाइश की मौजूदगी नहीं है फिर भी तालेबान के अधिकारियों को इस बारे में प्रयास करने चाहिए कि वहां पर होने वाली आतंकी कार्यवाहियों को रोक जाए। खेद के साथ कहना पड़ता है कि तालेबान की सरकार ने अफ़ग़ानिस्तान में दाइश के ख़तरे को महत्व न देते हुए इस देश में उसके द्वारा किये जाने वाली आतंकी कार्यवाहियों से मुक़ाबले में गंभीरता नहीं दिखाई जिसके कारण बड़ी संख्या में इस देश के नागरिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी। एसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि आतंकी गुट दाइश के संभावित ख़तरों से बचने के लिए प्रभावी क़दम उठाए जाएं।