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अमरीका जंग की आग में तेल डालने का काम कर रहा है, अमरीका यूक्रेन को दे रहा है युरेनियम युक्त हथियार : रिपोर्ट

अमरीका की जो बाइडन सरकार ने पहली बार यूक्रेन को यूरेनियम युक्त हथियार देने की मंज़ूरी दी है। आने वाले दिनो में हथियारों की यह नई खेप सामने आने वाली है।

अमरीका यूक्रेन को अब्राम्ज़ टैंक दे रहा है जो हल्के युरेनियम युक्त हथियारों से लैस हैं। आने वाले हफ़्तों में यह टैंक यूक्रेन को दिए जा सकते हैं। हालांकि अभी हथियारों की खेप को अंतिम रूप नहीं दिया गया है लेकिन इतना स्पष्ट है कि अमरीका 240 से 375 मिलियन डालर के सैन्य उपकरण देना चाहता है।

इससे पहले ब्रिटेन हल्के युरेनियम युक्त हथियार यूक्रेन को दे चुका है लेकिन अमरीका के लिए यह पहला मौक़ा होगा कि वो यूक्रेन को यूरेनियम युक्त हथियार देगा जिस पर हंगामा होना तय है। अमरीका ने इससे पहले यूक्रेन को क्लस्टर बम दिए थे जिस का विरोध किया गया था।

अमरीका नैटो और पश्चिमी दुनिया के मुखिया के रूप में कोशिश कर रहा है कि यूक्रेन की जंग जारी रहे ताकि रूस के सेना और सैनिक उपकरणों को ज़्यादा से ज़्यादा नुक़सान पहुंचे। युरेनियम युक्त हथियार यूक्रेन को देने का फ़ैसला इसी संदर्भ में उठाया गया क़दम है। यूक्रेन ने हालिया समय में रूस के हमलों पर जवाबी हमला शुरू किया और आशा थी कि रूस को नुक़सान पहुंचेगा और रूसी सेना पीछे हटेगी मगर यूक्रेन को सफलता नहीं मिल सकी है। यूरेनियम युक्त हथियारों का इस्तेमाल निश्चित रूप से हंगामा खड़ा कर देगा। यूरेनियम हथियार निषेध एलायंस ने कहा है कि यह हथियार ख़तरनाक हैं, इनसे कैंसर का ख़तरा पैदा हो जाता है साथ ही इससे पर्यावरण को भी भारी नुक़सान पहुंचता है। अमरीका ने फ़ार्स खाड़ी के युद्ध में 1990 और 2003 में यूरेनियम युक्त हथियारों का इस्तेमाल किया था। नौटो ने 1999 में योगोस्लाविय पर हमले में इन विनाशकारी हथियारों को इस्तेमाल किया था।

बाइडन सरकार का मनना है कि अगर रूस ने यूक्रेन की जंग जीत ली तो नेटो की साख ध्वस्त हो जाएगी और रूस की क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पैठ मज़बूत होगी। नतीजे में पूरे यूरोप में राजनैतिक और सामरिक समीकरण उथल पुथल हो जाएंगे। अमरीकी राष्ट्रपति और उनकी सरकार के अधिकारियों का यह भी मानना है कि यूक्रेन की जंग रूस को कमज़ोर करने का बेहतरीन अवसर है और यहीं से दुनिया को बहुध्रुवीय व्यवस्था की तरफ़ जाने से भी रोका जा सकता है। यही वजह है कि वो यूक्रेन की जंग में रूस की विजय को किसी भी क़ीमत पर रोक देने के लिए तैयार हैं।

मास्को का मानना है कि यूक्रेन जंग जारी रखने के पीछे अमरीका का लक्ष्य रूस का विभाजन है। यह बात अमरीकी अधिकारियों के बयानों में भी सुनी जाती रही है। अमरीका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने हाल ही में कहा कि अमरीका के रक्षा बजट का केवल 5 प्रतिशत भाग यूक्रेन की मदद के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और हम बहुत कम ख़र्च पर रूस की सेना को ध्वस्त कर रहे हैं। कमज़ोर रूस बहुत अच्छी चीज़ है।

इससे लगता है कि यूक्रेन की जंग जिसने अब तक भारी तबाही मचाई है अभी रुकने वाली नहीं है बल्कि अमरीका और पश्चिमी देशों के समर्थन से इसकी शिद्दत और भी बढ़ेगी। इस बारे में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव भी अपनी आशंका जता चुके हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन जंग रुकने के आसार दिखाई नहीं देते हमारी कोशिश यह होनी चाहिए कि इस जंग के विनाश को जहां तक हो सके कम करें।