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Breaking : अमेरिका और सऊदी अरब के संबंधों में आया तनाव : सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान और पुतिन एक साथ पर आ गए : रिपोर्ट

ओपेक प्लस देशों ने तेल के दो प्रतिशत उत्पादन को कम करने के बारे में हाल में जो फैसला लिया है उससे अमेरिका और सऊदी अरब के सबंध तनावग्रस्त हो गये हैं।

समाचार एजेन्सी तसनीम की रिपोर्ट के अनुसार ओपेक प्लस देशों के हालिया निर्णय के बाद जो बाइडेन की सरकार ने कहा है कि वह सऊदी अरब के बारे में अपने विकल्पों की समीक्षा करेगी। “ओपेक प्लस” गुट के सदस्य देशों ने पांच अक्तूबर को तेल के उत्पादन को दो प्रतिशत कम करने पर सहमत हुए हैं।

इस सहमति के अनुसार प्रतिदिन 20 लाख बैरेल कम तेल बाज़ार में निर्यात किया जायेगा। यह एसी राजनीति है कि पहले परहले में अंतरराष्ट्रीय मंडी में तेल की कीमतों में वृद्धि हो जायेगी और अमेरिका की इच्छा के विपरीत इससे रूस को फायदा पहुंचेगा।

अमेरिकी विदेशमंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पेरू के अपने समकक्ष के साथ संयुक्त बैठक में कहा है कि तेल की अधिक खरीदारी की अमेरिकी डिमांड के बावजूद सऊदी अरब और ओपेक प्लस में उसके भागीदारों ने तेल के उत्पादन को कम करने पर सहमति कर ली और सऊदी अरब को जवाब देने के लिए हम विभिन्न विकल्पों की समीक्षा करेंगे और इस संबंध में हम कांग्रेस के साथ विस्तृत पैमाने पर परामर्श कर रहे हैं।

अमेरिकी विदेशमंत्री ने इस ओर कोई संकेत नहीं किया कि ओपेक प्लस के हालिया फैसले के बाद वाशिंग्टन क्या करेगा परंतु कुछ अमेरिकी राजनेताओं ने प्रस्ताव दिया है कि अमेरिका सऊदी अरब को जो हथियारों की सहायता करता है उसे बंद कर देगा।

यह एसी स्थिति में है जब गत रात्रि एक प्रेस कांफ्रेन्स में बारबार पूछा गया कि क्या अमेरिका सऊदी अरब को दिये जाने वाले हथियारों को बंद कर देगा तो इसके जवाब को अमेरिकी विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता के सहायक टाल गये। बहरहाल ओपेक प्लस की सहमति के तुरंत बाद प्रति बैरेल तेल के मूल्यों में तीन डालर की वृद्धि हो गयी इस प्रकार से कि प्रति बैरेल तेल का मूल्य 93 डालर का हो गया।

ज्ञात रहे कि तेल का निर्यात करने वाले ओपेक के 13 सदस्य देशों के अलावा दुनिया में तेल का निर्यात करने वाले दूसरे 11 और देश हैं जिनमें रूस सर्वोपरि है और ये देश वर्ष 2016 के अंत से एक दूसरे से सहयोग कर रहे हैं और कहा जा रहा है कि सऊदी अरब ओपेक का सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश है और ओपेक प्लस के हालिया फैसले में सऊदी अरब ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

नवंबर से ओपेक प्लस समूह तेल उत्पादन को घटा देगा. ओपेक देशों में सऊदी अरब का दबदबा है और कहा जा रहा है कि सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान और रूसी राष्ट्रपति पुतिन इस मामले में एक लाइन पर आ गए हैं।

Jefferson Smith
@realNeverTrump
In another dark corner, Putin and Saudi de facto ruler Crown Prince Mohammed bin Salman are also probably hoping that the soaring energy inflation unleashed since Russia’s invasion helps the Donald Trump-led Republicans to …

ANI_HindiNews
@AHindinews

यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक क्लीन एनर्जी पार्टनरशिप (USISCEP) मंत्रिस्तरीय बैठक में आज 5 कार्यकारी समूहों के काम की समीक्षा की गई। दोनों पक्षों ने हरित ऊर्जा में साझेदारी को मजबूत और तेज करने का संकल्प लिया: केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी, वाशिंगटन डीसी

ANI_HindiNews
@AHindinews

पेट्रोल और डीजल के संदर्भ में अगर उत्तर अमेरिका में 43-46% की वृद्धि होती है तो भारत में हम कीमतों में 2% के आसपास वृद्धि की अनुमति देते हैं: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी

ANI_HindiNews
@AHindinews
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Oct 7
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वाशिंगटन डीसी में वर्ल्ड बैंक के इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन के नेतृत्व के साथ एक बैठक की।

(फोटो सोर्स- यूएस में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू का ट्विटर अकाउंट )