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अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले में शामिल, 10 ख़ालिस्तान समर्थकों की तस्वीरें “एनआईए” ने जारी की!

भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी “एनआईए” ने 10 ख़ालिस्तान समर्थकों की तस्वीरें जारी की हैं जो कथित तौर पर अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले में शामिल थे।

इस साल अमेरिका के इस भारतीय वाणिज्य दूतावास पर दो बार हमला हुआ था। पहला हमला मार्च के महीने में और दूसरा जुलाई के महीने में हुआ था।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इन ख़ालिस्तान समर्थकों को पकड़ने में आम जनता की मदद मांगते हुए एजेंसी ने आरोपियों के ख़िलाफ़ तीन अलग-अलग ‘पहचान और सूचना के लिए अनुरोध’ नोटिस जारी किए हैं। एजेंसी ने उनके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मांगी है जिससे उनकी गिरफ्तारी हो सके।

दो नोटिस में दो-दो आरोपियों की तस्वीरें हैं, वहीं तीसरे नोटिस में मामले के अन्य छह आरोपियों की तस्वीरें हैं। एजेंसी ने लोगों को आश्वासन दिया कि वह आरोपियों के बारे में जानकारी साझा करने वाले किसी भी व्यक्ति की पहचान उजागर नहीं करेगी।

पहला हमला जो 18 और 19 मार्च की मध्यरात्रि को हुआ था जो कथित तौर पर कुछ ख़ालिस्तानी समर्थकों द्वारा किया गया, जिन्होंने वाणिज्य दूतावास परिसर में प्रवेश करने की कोशिश के साथ आग लगाने का प्रयास किया।

एनआईए के अनुसार नारे लगाते कुछ खालिस्तानी समर्थकों ने सैन फ्रांसिस्को पुलिस द्वारा लगाए गए अस्थायी सुरक्षा अवरोधों को तोड़ दिया था और वाणिज्य दूतावास परिसर में दो ‘तथाकथित खालिस्तानी झंडे’ लगा दिए था।

इसके बाद पहली और दूसरी जुलाई की मध्यरात्रि को भी भारतीय वाणिज्य दूतावास पर फिर से हमला हुआ। इस दौरान कथित तौर पर खालिस्तान समर्थकों ने दूतावास को जलाने की कोशिश की। स्थानीय अग्निशमन विभाग ने आग पर काबू पा लिया और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ था, न ही कोई घायल हुआ था।

ख़ालिस्तान समर्थक संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स और सिख फॉर जस्टिस की कनाडाई शाखा के प्रमुख 46 वर्षीय निज्जर भारत में वांछित था और इस साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर उसकी नकाबपोश लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले 18 सितम्बर को कनाडाई संसद (हाउस ऑफ कॉमन्स) में एक सनसनीखेज बयान में दावा किया था कि उनके देश की सुरक्षा एजेंसियों के पास ‘विश्वसनीय’ खुफिया जानकारी है कि जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ था।