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अमेरिका से लड़ने के लिये ईरान तुर्की और रूस हुए एकजुट-डोनाल्ड ट्रंप बौखलाहट का शिकार-देखिए

नई दिल्ली: तुर्की के सामने लड़खड़ाते हुए लीरा को संभालना एक बहुत बड़ी चुनोती के रूप में उभर कर सामने खड़ी है,ऐसे में अमेरिका की धमकियों और साज़िशों का सामना करते हुए राष्ट्रपति तय्यब एर्दोगान ने विश्वभर में तुर्की के सहयोग करने के लिये इकठ्ठा कर लिया है।

क़तर ने पहले ही निवेश करने का ऐलान किया था अब राष्ट्रपति एर्दोगान ने अपने ईरानी दौरे पर ऐतिहासिक और खूबसूरत शहर ताब्रिज़ में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ मुलाकात की है।

ये मुलाक़ात इंटरनेशनल मीडिया में छाई हुई है जिसको लेकर चर्चाओं के बाज़ार गर्म है,इस बैठक में तीनों देश के नेताओं ने बेहद अहम मुद्दों पर चर्चा करी है। मिली जानकारी के मुताबिक, साढ़े सात साल के सीरियाई युद्ध के अलावा, विशेष रूप से उत्तर-पश्चिमी शहर इदलीब में बढ़ते संकट के कारण, त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग और फिर से अमेरिका द्वारा लगाए गए एकपक्षीय प्रतिबंधों के मुकाबले व्यापार प्रवाह को बनाए रखने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया।

नवंबर 2017 में रूसी रिज़ॉर्ट शहर सोची और अप्रैल 2018 में तुर्की की राजधानी अंकारा में मिलने के बाद, ताब्रीज़ में तुर्की, रूसी और ईरानी नेताओं की बैठक उस समय हुई जब सीरियाई शासन इदलीब पर हमलों की योजना बना रहा है, जो आसपास के घर है देश भर के विभिन्न शहरों से युद्ध के अत्याचारों से भागने वाले 3.5 मिलियन नागरिक प्रभावित हुए है।

एर्दोगान ने फिर से जोर दिया की, एर्दोगान ने दुनिया से आग्रह करते हुए कहा कि, “हमारे देश पर अमेरिका का आर्थिक हमला इसका एक स्पष्ट उदाहरण है। वे मुद्रा कुशलता के माध्यम से तुर्की की मजबूत और ठोस अर्थव्यवस्था को कमज़ोर करने की पूरी कोशिश करते है।

एर्दोगान ने आगे कहा कि, अमेरिकी डॉलर की बजाय स्थानीय मुद्राओं में चीन और रूस जैसे अपने शीर्ष व्यापार भागीदारों के साथ व्यापार करने की तुर्की की इच्छा को याद करते हुए, एर्डोगान ने कहा कि तुर्की इस कदम को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में था और कहा: इन अंतिम घटनाओं से पता चला है कि हम कितने सही हैं।