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अरब-इसराइल जंग के 28वें दिन की ख़बरें : हसन नसरुल्लाह ने क्या कहा, जानिए! पुतिन ने इसराइल की लेकर कही बड़ी बात : रिपोर्ट

लेबनान के संगठन हिज़बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह ने शुक्रवार को जारी अपने संदेश में कहा है कि सभी विकल्प खुले हुए हैं.

उन्होंने कहा है कि इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि हिज़बुल्लाह इस जंग में कब शामिल होगा. हिज़बुल्लाह इस जंग में 8 अक्टूबर से शामिल है.

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अब तक इस जंग में 57 हिज़बुल्लाह लड़ाके मारे जा चुके हैं.

इसके साथ ही उन्होंने इस जंग के लिए अमेरिका को ज़िम्मेदार ठहराया है.

उन्होंने कहा कि इस वक़्त सिर्फ दो लक्ष्य हैं, पहला लक्ष्य जंग ख़त्म करना है और दूसरा लक्ष्य इस जंग में हमास की जीत सुनिश्चित करना है.

हिज़बुल्लाह प्रमुख ने ये भी कहा है कि सात अक्टूबर को दक्षिणी इसराइल पर हुए हमास के हमले में किसी बाहरी तत्व का हाथ नहीं था.

उन्होंने ये भी कहा कि लेबनान सीमा पर टकराव बढ़ने की पूरी संभावनाएं हैं.

हमास के हमले ने इसराइल की कमज़ोरी को उजागर कर दिया

ईरान समर्थित लेबनानी ग्रुप हिज़बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह ने अपने समर्थकों को संबोधित किया है.

उन्होने कहा है कि हमास का इसराइल पर 7 अक्टूबर को किया गया हमला फ़लस्तीनियों पर ग़ज़ा में बढ़ रहे दवाब की वजह से किया गया था.

नसरल्लाह ने जिस दबाव का ज़िक्र किया, उसके कई कारण भी गिनाए. उनमें इसराइली जेलों में बंद फ़लस्तीनी, यरूशलम और वहां मौजूद धार्मिक स्थानों के स्टेट्स पर गतिरोध और गज़ा की घेराबंदी और वेस्ट बैंक में बढ़ती यूहदियों बस्तियों को मुख्य कारण बताया.

नसरल्लाह की ये स्पीच हिज़बुल्लाह के चैनल अल-मनार पर प्रसारित की गई और इसे दुनिया भर के मीडिया ने दिखाया.

स्पीच से पहले अल-मनार पर लेबनान की राजधानी बेरूत और अन्य कई जगहों पर उस भीड़ को दिखाया गया जो नसरल्लाह को सुनने के लिए जमा हुई थी.

हसन नसरल्लाह ने और क्या-क्या कहा

अपनी स्पीच में नसरल्लाह ने कहा कि अरब जगत के इस्लामिक देश ग़ज़ा पर आक्रमण को रोकने के लिए मिलकर काम करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि 7 अक्टूबर को इसराइल पर हुआ हमला शत प्रतिशत फ़लस्तीनी आक्रमण था. उन्होंने कहा कि सात अक्तूबर के हमलों ने इसराइल में भूचाल खड़ा कर दिया और उस हमले ने इसराइल की कमज़ोरी को उजागर किया था.

नसरल्लाह ने यमन और इराक़ के गुटों का शुक्रिया अदा किया और उन्हें प्रतिरोध की धुरी बताया. इन गुटों में इराक़ में मौजूद मिलिशिया है जो सीरिया में अमेरिकी सेना पर गोलीबारी कर रहा है. और यमन में हूथी विद्रोही हैं जो इसराइल पर ड्रोन से हमले कर रहे हैं.

हिज़बुल्लाह नेता ने कहा है कि इसराइल की सबसे बड़ी भूल यही है कि वो ग़ज़ा में हमास के ख़िलाफ़ जो हासिल करना चाहता है वो मुमकिन नहीं है.

उन्होंने कहा, “एक पूरा महीना हो गया है. लेकिन इसराइल के पास कोई भी सैन्य उपलब्धि नहीं है. इसराइल ग़ज़ा में अग़वा किए गए लोगों को केवल बातचीत के सहारे ही छुड़ा पाएगा.”

नसरल्लाह ने संघर्ष और फ़लस्तीन के आम लोगों की मौत के लिए अमेरिका को ज़िम्मेदार ठहराया है.

लेबनान की दक्षिणी सरहद पर इसराइल और हिज़बुल्लाह के बीच छिटपुट गोलीबारी होती रही है. डर है कि ये वारदातें एक जंग में बदल सकती हैं.

नसरल्लाह की स्पीच से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि क्या वे इसराइल के साथ झड़पों में इज़ाफ़े का एलान करने वाले हैं.

उनके पते-ठिकाने को लेकर रहस्य बना हुआ है लेकिन हज़ारों लोग उन्हें ऑनलाइन सुन रहे थे.

इसमें लेबनान की राजधानी बेरूत की सड़कों पर इकट्ठा हुई हिज़बुल्लाह समर्थकों की बड़ी भीड़ भी शामिल थी.

ब्रिटेन, अमेरिका, इसराइल समेत कई देश हिज़बुल्लाह को हमास की तरह ही एक आतंकवादी संगठन मानते हैं.

हिज़बुल्लाह को लेबनान की सबसे बड़ी राजनीतिक और मिलिट्री ताक़त के रूप में देखा जाता है.

हिज़बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह ने अपने भाषण में सात अक्टूबर के इसराइल पर हमास के हमले की तारीफ़ की. इस हमले में 1400 से अधिक लोग मारे गए थे.

 मौलवी नसरल्लाह साल 1992 से ही हिज़बुल्लाह की कमान थामे हुए हैं. नसरल्लाह को इस बात का भी श्रेय दिया जाता है कि उन्होंने हिज़बुल्लाह को एक राजनीतिक और मिलिट्री ताक़त में बदल दिया.

हसन नसरल्लाह के ईरान और उसके सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली ख़ामनेई के साथ साल 1981 से ही क़रीबी रिश्ते हैं.

ये वही साल था जब ईरान के पहले सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह रुहोल्लाह खोमैनी ने उन्हें लेबनान में अपने निजी प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया था.

नसरल्लाह पिछले कई सालों से सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं दिए हैं. माना जाता है कि नसरल्लाह को इस बात का डर है कि कहीं इसराइल उनकी हत्या न करा दे.

लेकिन हिज़बुल्लाह में नसरल्लाह का कद सबसे बड़ा है. वे हरेक हफ़्ते टीवी पर अपना रिकॉर्डेड भाषण जारी करते हैं.

इसराइली सरकार ने घोषणा की है कि इसराइल में काम कर रहे ग़ज़ा के सभी लोगों को वापस भेजा जाएगा

इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से किए गए एक ट्वीट में बताया गया है, “इसराइल ग़ज़ा के साथ हर तरह के संबंध तोड़ रहा है. अब इसराइल में ग़ज़ा का कोई फ़लस्तीनी वर्कर नहीं होगा. हमास के हमले के दिन ग़ज़ा के जो वर्कर्स इसराइल में थे, उन्हें ग़ज़ा भेजा जाएगा.”

इसराइल के सिक्योरिटी कैबिनेट ने इस पर भी सहमति जताई है कि फ़लस्तीनी अथॉरिटी फंड में ग़ज़ा के लिए जो भी तय फंड है, उसे ख़त्म किया जाए.

फ़लस्तीनी अथॉरिटी सिर्फ़ कब्जे वाले वेस्ट बैंक के इलाकों में शासन करता है, उसका हमास शासन वाली ग़ज़ा पट्टी पर नियंत्रण नहीं है.

फ़लस्तीनी नागरिक मामलों की एक इसराइली डिफ़ेंस बॉडी ‘कॉगेट’ ने बताया है कि सात अक्टूबर के हमले से पहले ग़ज़ा के करीब 18,500 फ़लस्तीनी लोगों को इसराइल में आने की अनुमति थी.

ग़ज़ा में जमीनी अभियान में अब तक इसराइल के 23 सैनिकों की मौत

इसराइल की सेना ने बताया कि ग़ज़ा में जमीनी अभियान के दौरान उनके चार और सैनिकों की मौत हुई है.

हारेट्ज़ समाचारपत्र की ख़बर के अनुसार, अब तक ग़ज़ा में जमीनी संघर्ष के दौरान 23 सैनिकों की मौत हो चुकी है.

इसराइली सेना ने बताया है कि हमास के ख़िलाफ़ जारी संघर्ष में उन्होंने ग़ज़ा सिटी को पूरी तरह से घेर लिया है. अभी स्पष्ट नहीं है कि ग़ज़ा सिटी में कितने लोग रह रहे हैं लेकिन तस्वीरों में शहर में हर तरफ़ तबाही नज़र आ रही है और सड़कें खाली हैं.

इससे पहले मंगलवार को इसराइल के पीएम नेतन्याहू ने कहा, “हम मुश्किल जंग लड़ रहे हैं. ये एक लंबी लड़ाई है. हम इसमें अहम कामयाबी मिली है लेकिन दर्द देने वाली क्षति भी हुई है.”

इसराइल-हमास संघर्ष पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ये कहा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सात अक्टूबर को इसराइल पर हमास का हमला आतंकवादी कृत्य था लेकिन फ़लस्तीन के मुद्दे को हल किए जाने की जरूरत है.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, रोम में सीनेट के विदेश मामले और रक्षा आयोग के एक सेशन में जयशंकर ने कहा, ” सात अक्टूबर को जो हुआ वो आतकंवादी कृत्य था और बाद में जो कुछ हो रहा है….उसने पूरे इलाके की दिशा बदल दी है. लेकिन निश्चित तौर पर सभी उम्मीद कर रहे हैं कि ऐसा बना हुआ नहीं रहेगा…कुछ स्थिरता आएगी, कुछ सहयोग होगा. और इसके साथ ही हमें विभिन्न मुद्दों पर संतुलन तलाशने की जरूरत है. हम सभी के लिए आतंकवाद अस्वीकार्य है. लेकिन फ़लस्तीन का एक मुद्दा भी है. फ़लस्तीनी लोग जिस तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उसके समाधान की जरूरत है. और हमारे विचार में द्वि-राष्ट्र समाधान है.”

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “अगर आपको समाधान तलाशना है तो वो बातचीत के जरिए होगा. हम संघर्ष और आतंकवाद के जरिए समाधान हीं खोज सकते हैं. मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए…हमारा मानना है कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का सम्मान किया जाना चाहिए.”

सैयद हसन नसरुल्ला ने ग़ज़्ज़ा की जनता को एसा राष्ट्र बताया

सैयद हसन नसरुल्ला ने ग़ज़्ज़ा की जनता को एसा राष्ट्र बताया है जिसका उदाहरण पूरे विश्व में नहीं मिल सकता।

हिज़बुल्ला के महासचिव ने कहा है कि हथियारों से भी पहले हमारी वास्तविक शक्ति गहरी आस्था, दूरदर्शिता, सतर्कता, इन आदर्शों के लिए गहरी प्रतिबद्धता, बलिदान देने के लिए उच्च तत्परता और असीम धैर्य मे नहित है। सैयद हसन नसरूल्ला के अनुसार यह वे विशेषताए हैं जो शहीदों के परिवारों में पाई जाती हैं।

उन्होंने कहा कि अगर हम क़ानूनी, नैतिक, मानवीय और धार्मिक दृष्टि से युद्ध करना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे उचित विकल्प अवैध ज़ायोनी शासन ही है।

सैयद हसन नसरुल्ला ने शुक्रवार को लेबनान की राजधानी बेरूत के दक्षिणी ज़ाहिया क्षेत्र में हिज़बुल्ला के शहीदों की याद में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया।

हिज़बुल्ला के महासचिव ने ग़ज़्ज़ा की जनता को विशेष सलाम करते हुए उसको एसा राष्ट्र बताया जिसका उदाहरण संसार में नहीं है। उन्होंने कहा कि हालिया वर्षों में फ़िलिस्तीन की स्थति बहुत ही ख़राब थी और अतिवादियों के सत्ता में पहुंचने से यह और ख़राब हो गई।

याद रहे कि 7 अक्तूबर को ग़ज़ा युद्ध की शुरूआत के बाद हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्ला का यह पहला सार्वजनिक भाषण है जिसको काफ़ी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। फ़िलिस्तीन के इस्लामी जिहाद आंदोलन के प्रवक्ता मोहम्मद अल-हाज मूसा ने शुक्रवार को कहा, हमें हिज़्बुल्ला पर पूरा भरोसा है। हिज़्बुल्लाह जो भी क़दम उठाएगा, उसका बहुत असर होगा। यह इस्लामी प्रतिरोध संगठन, ज़ायोनी शासन के मुक़ाबले में बहुत शक्तिशाली है। सैयद हसन नसरुल्लाह के इस भाषण की जहां बहुतों को प्रतीक्षा थी वहीं पर इसके लिए पूरा मध्यपूर्व अपनी सांसें रोककर बैठा हुआ था। \

Megatron
@Megatron_ron

BREAKING:

Putin:

Any normal person would be angry at the pictures of children covered in blood in #Gaza.

Amjad Taha أمجد طه
@amjadt25
Breaking News: Just now, #Hamas snipers have reportedly killed dozens of children and women on the streets, targeting those attempting to travel from north to south #Gaza and those displaying white flags as a sign of peace. Similar acts have previously been attributed to Palestinian and #Hezbollah terrorists in Syria. They do not want civilians to leave; they want to use them as human shields and kill anyone who attempts to leave. Hamas terrorists in Gaza will, as usual, blame #Israel because it is easy and there is media that accepts this propaganda.

“Hasan Nasrullah says that the decision and execution of the Al-Aqsa Flood Operation belongs entirely to the Palestinians, and that they concealed it from everyone.”

So confirms that fact that hamas really did this on their own.

The Hezbollah chief says whoever wants to prevent a regional war, must quickly stop the war on the Gaza Strip.
Nasrallah repeats that all options in the Lebanese front are open.
He says that Hezbollah is ready for all possibilities.
Addressing the US deployment of warships in the region, Nasrallah says Hezbollah is not intimidated.
As he continues to touch on familiar themes during his speech, the Hezbollah leader also says that further escalation on the Lebanese front is a real possibility.
He warns that such a development depends on Israeli actions in Gaza.
Nasrallah continues, saying Hezbollah has been escalating its operations by the day and forcing Israel to keep its forces near the Lebanon border instead of Gaza or the occupied West Bank.\

हिजबुल्लाह प्रमुख का कहना है कि जो कोई भी क्षेत्रीय युद्ध को रोकना चाहता है, उसे गाजा पट्टी पर युद्ध को तुरंत रोकना होगा।
नसरल्लाह दोहराते हैं कि लेबनानी मोर्चे पर सभी विकल्प खुले हैं।
उनका कहना है कि हिज़्बुल्लाह सभी संभावनाओं के लिए तैयार है.
क्षेत्र में अमेरिकी युद्धपोतों की तैनाती को संबोधित करते हुए नसरल्लाह कहते हैं कि हिजबुल्लाह भयभीत नहीं है।
चूँकि वह अपने भाषण के दौरान परिचित विषयों को छूना जारी रखते हैं, हिजबुल्लाह नेता यह भी कहते हैं कि लेबनानी मोर्चे पर और वृद्धि एक वास्तविक संभावना है।
उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा विकास गाजा में इजरायली कार्रवाई पर निर्भर करता है।
नसरल्लाह ने आगे कहा, हिजबुल्लाह दिन पर दिन अपने अभियान बढ़ा रहा है और इजरायल को अपनी सेना को गाजा या कब्जे वाले वेस्ट बैंक के बजाय लेबनान सीमा के पास रखने के लिए मजबूर कर रहा है।

Jenin is becoming the second #Gaza :