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अलअक़सा तूफ़ान का 30वां दिन, इस्राईल की दरिंदगी ने फिर ले ली 51 मासूमों की जान

ग़ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी शासन के हमलों में 51 फ़िलिस्तीनी शहीद हो गए। 7 अक्तूबर को फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ के एतिहासिक आप्रेशन के बाद से ग़ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी शासन के हमले जारी हैं और इस लड़ाई के तीसवें दिन भी ज़ायोनी शासन ने आम नागरिकों को निशाना बनाया।

इस बार ज़ायोनी शासन ने ग़ज़ा पट्टी में अलमग़ाज़ी शरणार्थी शिविर पर हमला कया। इस हमलों में दर्जनों आम नागरिक घायल भी हुए हैं।

ज़ायोन सेना के हमलों में शहीद होने वाले फ़िलिस्तीनियों की संख्या 10 हज़ार से अधिक हो गई है जबकि 24 हज़ार से अधिक लोग घायल हैं।

इस्राईली सेना ने दक्षिणी ग़ज़ा पट्टी के ख़ान युनुस पर तोपों से गोलाबारी भी की है जबकि ज़ायोनी सेना के युद्धक विमानों ने रविवार की सुबह अलमग़ाज़ी शरणार्थी शिविर पर बमबारी की।

ग़ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी शासन के हमले जारी हैं जबकि फ़िलिस्तनी रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ ने ज़ायोनी सेना की ज़मीनी कार्यवाही का डटकर मुक़ाबला किया। ज़मीनी लड़ाई में ज़ायोनी सेना को भारी नुक़सान उठाना पड़ रहा है।

हमास की सैनिक शाखा अलक़स्साम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू उबैदा ने कहा कि रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ की साहसी लड़ाई इतिहास में अमर हो जाएगी। उन्होंने कल शनिवार को अपने बयान में कहा कि हमने कुछ ही घंटों के भीतर इस्राईली सेना के 24 टैंक और बक्तरबंद गाड़ियों को ध्वस्त कर दिया।

जेहादे इस्लामी संगठन की सैनिक शाखा अलक़ुद्स ब्रिगेड ने ख़ान युनुस के पूरब में ज़ायोनी सेना की बक्तरबंद गाड़ियों को निशाना बनाया।