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अलशिफ़ा अस्पताल पर हमले के दोषी नेतनयाहू और जो बाइडन हैं : हमास

ग़ज़ा प्रशासन के मीडिया विभाग ने कहा है कि अलशिफ़ा अस्पताल पर इस्राईली सेना का हमला और रेड खुला युद्ध अपराध है।

ग़ज़ा प्रशासन के मीडिया विभाग के डायरेक्टर इस्माईल अलसवाबेता ने कहा कि क़ाबिज़ सरकार सरासर झूठ बोल रही है और वह इस बात का कोई सुबूत नहीं जुटा पाएगी कि अलशिफ़ा अस्पताल की किसी इमारत से हमास के की रेज़िस्टेंस गतिविधियों का कोई संबंध है।

सवाबेता ने कहा कि इस्राईल यह झूठ फैला रहा है कि अलशिफ़ा अस्पताल में हमास का हेडक्वार्टर है, अब इस्राईल यह कोशिश कर सकता है कि अलशिफ़ा अस्पताल के भीतर ख़ुद ही हथियार रखकर उसे बरामद करे और यह आरोप लगा दे कि यहां हमास का हेडक्वार्टर है और वहां से यह हथियार बरामद हुए हैं।

इस बीच जेहादे इस्लामी संगठन ने कहा है कि इस्राईली सेना अलशिफ़ा अस्पताल में जो जघन्य अपराध कर रही है उसे सारी दुनिया देख रही है और ख़ामोश है।

संगठन ने कहा कि ग़ज़ा में इस्राईल अपना कोई भी लक्ष्य हासिल नहीं कर सका तो नागरिक प्रतिष्ठानों पर अपना आक्रोश निकाल रहा है।

हमास संगठन ने कहा कि अलशिफ़ा अस्पताल पर हमले का ज़िम्मेदार हम नेतनयाहू और जो बाइडन को मानते हैं।

हमास ने कहा कि वाइट हाउस और पेंटागोन ने क़ाबिज़ ज़ायोनी शासन के इस झूठ को दोहराकर कि अलशिफ़ा अस्पताल हमास का ठिकाना है दरअस्ल इस्राईल को अलशिफ़ा अस्पताल पर हमले के लिए ग्रीन सिग्नल दिया था।

हमास ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ, इसी तरह दूसरी संस्थाओं और देशों की ख़ामोशी फ़िलिस्तीनियों को अपने क़ानूनी अधिकार से वंचित नहीं कर पाएगी।

दूसरी ओर अमरीकी सेनेट में आर्म्ड फ़ोर्सेज़ समिति के प्रमुख जैक रीड ने कहा है कि ग़ज़ा में आम नागरिकों की शहादतों का बढ़ता आंकड़ा अमरीका और इस्राईल को महंगा पड़ सकता है।

रीड ने कहा कि अगर इस्राईल ने हथियारों के इस्तेमाल में आम नागरिकों की हत्या का सिलसिला बंद न किया तो यह स्थिति हमास को बिल्कुल अलग चीज़ में बदल देगी।