उत्तर प्रदेश राज्य

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो तारिक़ मंसूर एमएलसी के रुप में राजनीतिक पारी शुरु करेंगे!

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो तारिक मंसूर के नई पारी की शुरुआत होने वाली है। प्रो तारिक मंसूर विधान परिषद सदस्य यानी एमएलसी के रुप में राजनीतिक पारी शुरु करेंगे। यूपी की योगी सरकार ने राज्यपाल को उनके नाम का प्रस्ताव भेजा है।

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की सहमति के बाद यूपी सरकार ने भाजपा कोटे से एमएलसी के लिए छह नाम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के पास भेज दिए हैं। इनमें एएमयू के वीसी प्रो तारिक मंसूर के साथ भाजपा के पूर्व ब्रज क्षेत्रीय अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी, नृपेंद्र मिश्र के बेटे साकेत मिश्रा, अंबेडकर महासभा के लालजी प्रसाद निर्मल, अधिवक्ता रामसुभग राजभर, काशी के जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा के नाम हैं।

एएमयू के छात्र से अब तक का सफर

20 सितंबर 1956 में स्व प्रो हफीजुल रहमान के यहां जन्मे।
1978 में एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और 1982 में एमएस की।
1980 से 1983 तक जेएन मेडिकल कॉलेज में क्लिनिकल रजिस्ट्रार के रुप में एमबीबीएस के बच्चों को पढ़ाया। 1983 से 1985 तक मेडिकल कॉलेज के सीएमओ बन गए।
1985 से 1986 तक सऊदी अरेबिया में किंग फहर टीचिंग हॉस्पीटल में सर्जिकल स्पेशलिस्ट के रुप में काम किया।
1986 से 1993 तक जेएन मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बतौर पढ़ाया।
1993 से 2001 तक एसोसिएटेड प्रोफेसर रहे।
2002 से 2013 तक 11 साल प्रोफेसर रहे।
2013 से 2017 तक मेडिकल के प्रिंसिपल और सीएमएस रहे।
2017 से अब तक एएमयू के कुलपति हैं।

माना जा रहा है कि प्रो तारिक मंसूर की भाजपा नेताओं से नजदीकी का फायदा एमएलसी के लिए प्रस्ताव में मिला है। तारिक मंसूर एएमयू में छात्र रहे, फिर वहीं प्रोफेसर बने और फिर कुलपति रहे। तारिक मंसूर एएमयू में कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे। तारिक मंसूर के पुन: एएमयू के वीसी बनने या किसी प्रदेश का राज्यपाल बनने की चर्चा थी, पर भाजपा ने उन्हें एमएलसी बनाने पर मुहर लगा दी।