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तसवूफ़ एक बदनाम लफ़्ज़ होकर रह गया है….तसवूफ़ क्या है? : Part-3
Razi Chishti ================ (3) अल्लाह swt फ़रमा रहा है कि आँखें उसको नहीं पासकतीं (6:103) और सूरह हज में फ़रमा रहा है कि बात यह है कि आँखें अंधी नहीं होती हैं लेकिन सीनों में जो दिल हैं वो अंधे होते हैं(22:46). इस तरह कुरान से दिल कि बीनाई साबित है फिर दिल से किस […]
पैगम्बर मोहम्मद साहब ने हुक्म दिया है कि “मज़दूर का पसीना सूखने से पहले उसकी मज़दूरी देदो”
@मुफ़्ती उसामा इदरीस नदवी इस्लाम एक आसान दीन का नाम है ,जिसमें इंसान को ज़िन्दगी गुज़ारने के लिये हर मोड़ पर रहनुमाई मौजूद है,इस्लाम ने पूँजीवाद को कभी बढ़ावा नही दिया है,बल्कि अपने मूलभूत सिद्धांतों में अमीर की तिजोरी से माल को गरीब के कटोरे में पहुंचाना एक धर्म और महापुण्य का नाम दिया है,ऐसे […]
उनका दोस्त अल्लाह है कि उनको अँधेरों से निकाल कर रोशनी में ले जाता है और जो काफ़िर हैं…
Razi Chishti =================== चाँद का रुख़ जब तक सूरज की तरफ़ रहता है वो रोशन रहता है और जब उसका रुख़ सूरज की तरफ़ से हट जाता है तो वो बेनूर हो जाता है. कुछ ऐसा ही हमारे साथ हुआ है. हमने भी अपना रुख़ अल्लाह swt की तरफ़ से फेर लिया है और जो […]