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आईएमएफ़ ने भारत की आर्थिक विकास दर घटाकर 6.8 फ़ीसदी कर दी : सरकारों की ग़लत नीतियां इन हालात के लिए ज़िम्मेदार हैं!

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ़ के मुताबिक़, पहले से ही मंदी का शिकार भारतीय अर्थव्यवस्था की दर अगले साल और अधिक कम रहेगी।

आईएमएफ़ ने भारत की आर्थिक विकास दर के अनुमान को अगले साल के लिए घटाकर 6.8 फ़ीसदी कर दिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक़, सरकारों की ग़लत नीतियां, रूस-यूक्रेन जंग, दुनियाभर के बिगड़ते आर्थिक हालात, पिछले एक दशक में महंगाई दर का सबसे अधिक होना और महामारी इन हालात के लिए ज़िम्मेदार हैं।

हालांकि आरबीआई के अनुमान की तुलना में आईएमएफ़ की अनुमान दर ज़्यादा है। रिज़र्व बैंक का अनुमान है कि वर्ष 2022-23 में भारत की विकास दर 6.1 फीसदी रहेगी।

दुनिया में तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक प्लस के तेल उत्पादन कम करने के फ़ैसले से आने वाले दिनों में महंगाई और बढ़ सकती है। भारत बहुत हद तक बाहर से आने वाले तेल पर निर्भर है। इससे रुपये की कीमत में अधिक गिरावट हो सकती है।

आइएमएफ़ की रिपोर्ट के आने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि विकास, मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक होगा और भारतीय अर्थव्यवस्था की कोविड-19 महामारी से बाहर आने की गति को बनाए रखने पर ध्यान दिया जाएगा।