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आगरा जेल से ख़त्म हुआ 1894 में बना प्रिजन एक्ट : नए मैनुअल की प्रमुख विशेषता, जानिये

आगरा। अंग्रेजी शासनकाल में 1894 में बने प्रिजन एक्ट को 128 वर्ष बाद सजा ए कालापानी और कोड़े मारने से मुक्ति मिल गई है। जेल मैनुअल 2022 में इन दोनों सजाओं को हटा दिया गया है। जेल में चेन हथकड़ी की व्यवस्था को भी समाप्त किया गया है। बंदियों से मुलाकात की व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है। स्वजन अब शनिवार को बंदियों से मुलाकात कर सकेंगे, रविवार को अवकाश रहेगा। नए मैनुअल में एक से 357 प्रस्तर हैं, जिनमें नए नियमों की व्याख्या की गई है

नए जेल मैनुअल की विशेषता ये है कि इसमें संशोधन नहीं किया गया है। नए सिरे से लिखा गया है, पुराने मैनुअल के प्राविधानों को इसमें शामिल कर लिया गया है। जैसे जेल खुलने का समय सूर्योदय और बंद होने का सूर्योदय रखा गया है। रक्षाबंधन और भाई-दूज पर मुलाकात की व्यवस्था अंतरिम होती थी। नए मैनुअल में इसके लिए स्थाई व्यवस्था की गई है।

नए मैनुअल की प्रमुख विशेषता
1-बंदियों काे पहले सुबह की चाय ही मिलती थी, अब उन्हें शाम को भी चाय मिलेगी।

2-पहले बंदियाें को 15 अगस्त और 26 जनवरी को विशेष भोजन (बड़ा खाना) पूड़ी-सब्जी, हलवा मिलता था। अब बड़ा खाना की संख्या बढा दी गई है।

3-पुराने मैनुअल में उपवास रखने वाले बंदियों को उन्हें दिए जाने वाले भाेजन के बराबर दूध आदि देने को अंतरिम आदेश जारी होता था। नए मैनुअल में स्थाई व्यवस्था मानक में बनाई गई है। उपवास रखने वाले बंदी को दूध-उबला आलू, केला व चीनी देने की व्यवस्था है।

4-मुख्यालय स्तर पर लीगल और तकनीकी सेल का गठन किया गया है। जेलों से संबंधित विधिक व तकनीकी मामलों को अब मुख्यालय स्थित इन सेल के पास भेजा जाएगा।

5-नए मैनुअल में महिला बंदियों के साथ रहने वाले बच्चों के लिए अलग से प्रस्तर बनाया गया है। जिसके तहत उनके लिए शिशु कक्ष व बालवाड़ी बनाए जाएंगे।

6-महिला बंदियों को भी कई सुविधाएं दी गई हैं।

नए जेल मैनुअल में सजा ए कालापानी और कोड़े मारने की सजा समेत कई ऐसे प्राविधान जो समय के साथ अनुपयुक्त हो गए थे, उन्हें हटा दिया गया है।बंदियों की मुलाकात समेत कई चीजों में बदलाव किया गया है। नया जेल मैनुअल लागू किया गया है।

आरके मिश्र प्रभारी डीआइजी कारागार मंडल आगरा

सोर्स : अली अब्बास, दैनिक जागरण