उत्तर प्रदेश राज्य

आगरा, सरकारी अध्यापकों को 50 से 60 हज़ार वेतन मिलता है फिर भी समय से नहीं खुलता सरकारी स्कूल : राहुल अग्रवाल की रिपोर्ट!

Rahul Agarwal
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50 से 60 हजार मिलता है वेतन सरकारी अध्यापकों को फिर भी समय से नहीं खुलता सरकारी स्कूल।
आगरा।अगर बात की जाए देहात क्षेत्र में शिक्षा को लेकर स्कूलों में बच्चों को शिक्षा किस प्रकार की प्राप्त हो रही है ।तो सभी बात है यहां आकर रुक जाती हैं ।क्योंकि सरकारी स्कूल समय से खुल ही नहीं रही है। सुबह 10:30 बजे तक स्कूल नहीं खुलते है। जबकि सरकार हर रोज शिक्षा पर जोर दे रही है ।कि कोई भी बच्चा अशिक्षित ना रह जाय । लेकिन यहां आलम कुछ अलग ही है जी हां ऐसा ही एक स्कूल खंदौली ब्लॉक ग्राम पंचायत रामनगर क्षेत्र के नगला मट्ठू का नजारा आप सभी को दिखाते हैं। प्राथमिक विद्यालय में सुबह 10:30 बजे तक स्कूल नहीं खुला ना ही स्कूल में कोई बच्चा आया तिरछी नजर के साथ बै खौफ सच लिख रहा हूं । जब सभी की मिलीभगत है। तो विद्यालय समय से क्यों खुलेंगे।सूत्रों के अनुसार जानकारी मिली कि कभी-कभी तो स्कूल खुलता भी नहीं है अब आप ही अंदाजा लगा ले की जब स्कूल सुबह 10:30 बजे तक नहीं खुलता है और अगर 10:30 बजे के बाद जब स्कूल खुलता है तो केवल दिखावे के लिए क्योंकि 1:30 से 2:00 तक स्कूल बंद कर चले जाते हैं जबकि सुबह का समय 9:00 बजे से 3:00 बजे तक का है। जब विद्यालय में अध्यापक ही नियम से नहीं आयेंगे तो फिर बच्चे क्या नियम से पढ़ने आएंगे। जबकि प्राइवेट स्कूल के अध्यापकों को वेतन जरूर कम मिलता है लेकिन वह हर रोज नियम से बच्चों को पढ़ाने आते हैं और समय का ध्यान भी रखते हैं। लेकिन सरकारी अध्यापकों को 50 से 60 हजार वेतन मिलता है। फिर भी घर बैठे आराम से सरकारी पैसे का आनंद उठा रहे हैं। ऐसे अध्यापकों पर तो जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए। जब एबीएसए को फोन लगाया तो फोन भी नहीं उठा अब देखना होगा कि आखिर ऐसे अध्यापकों पर क्या कार्रवाई करते हैं शिक्षा अधिकारी या फिर सब कुछ ऐसे ही चलता रहेगा मिलीभगत से और इस सरकार को ऐसे ही ठेंगा दिखाते रहेंगे अध्यापक।