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देह मेरी, हल्दी तुम्हारे नाम की……आरती दुबे की रचना
Aarti Dubey ============== · देह मेरी, हल्दी तुम्हारे नाम की । हथेली मेरी, मेहंदी तुम्हारे नाम की । सिर मेरा, चुनरी तुम्हारे नाम की । मांग मेरी, सिन्दूर तुम्हारे नाम का । माथा मेरा, बिंदिया तुम्हारे नाम की । नाक मेरी, नथनी तुम्हारे नाम की । गला मेरा, मंगलसूत्र तुम्हारे नाम का । कलाई मेरी, […]
अदिति -इसी नगर में एक बहुत बड़ा ‘सक्सेना’ रहता था
मधुसूदन उपाध्याय अदिति -१ _________ प्राचीन समय की बात है। इतना प्राचीन कि उस समय आदिमानव अभी इन्स्टा, टिंडर और ओयो का आविष्कार भी नहीं कर पाया था। व्हाट्स ऐप, फेसबुक और ट्विटर जैसी पाषाण कालीन चीजें ही अस्तित्व में थीं। विशाल भारतवर्ष की महासागरीय जनसंख्या में एक महानगर था नखलऊ। नखलऊ, सुनते हैं, उर्दू […]
तस्वीर की अक्कासी…लूट लेता है चैन सब का ही….हरबंस सिंह सेठी की तरही ग़ज़ल…कैसी दिल पर चोट लगी जो, अब वो संवरना भूल गई!!
Harbans Sethi ================ तरही ग़ज़ल… मिसरा :- “मुझको देखा पनघट पे तो पानी भरना भूल ग’ई” !! वज़्न :- 2222. 2222. 2222. 222 शायद नसमझी में वक़्त का आदर करना भूल ग’ई !! या जिस झरने पर मिलना था शायद झरना भूल ग’ई !! दस दस बारी दिन में अक्सर सजती और संवरती थी ! […]