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मज़ा भी नहीं है सज़ा भी नहीं है….नहीं मर्ज़ चाहत, शिफ़ा भी नहीं है : उमेश विश्वकर्मा ‘आहत’ की दो ख़ूबसूरत ग़ज़लें पढ़िये!
Umesh Vishwakarma Aahat ================ बहरे- मुतकारिब मुसमन सालिम अर्कान= फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन तक़्तीअ= 122, 122, 122, 122 क़ाफ़िया= (आ- स्वर) रदीफ़= भी नहीं है ग़ज़ल * मज़ा भी नहीं है सज़ा भी नहीं है । नहीं मर्ज़ चाहत, शिफ़ा भी नहीं है । * कभी दोस्ती में दग़ा भी नहीं है । मगर ये […]
एक वैश्या मरी और उसी दिन उसके सामने रहने वाला बूढ़ा सन्यासी भी मर गया!
Dr.vijayasingh ====== एक वैश्या मरी और उसी दिन उसके सामने रहने वाला बूढ़ा सन्यासी भी मर गया, संयोग की बात है। देवता लेने आए सन्यासी को नरक में और वैश्या को स्वर्ग में ले जाने लगे। संन्यासी एक दम अपना डंडा पटक कर खड़ा हो गया, तुम ये कैसा अन्याय कर रहे हो? मुझे नरक […]
झूठ, छद्म और कुटिलता से अर्जित पद और प्रतिष्ठा सब कुछ अंततः यही छूट जाएगा : लक्ष्मी सिन्हा का लेख पढ़ें!
Laxmi Sinha ================= झूठ, छद्म और कुटिलता से अर्जित पद और प्रतिष्ठा सब कुछ अंततः यही छूट जाएगा। छल_छद्म से बड़ा पद, प्रतिष्ठा और यश भले ही मिल जाए लेकिन यह सब स्थायी नहीं रहती। वास्तव में खुद के अवगुणों को कुछ समय तक छिपाने का अभियान कर स्वयं को गहन अंधकार में रखी जा […]