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आत्मदाह कर रहे हैं क़ुरआन जलाने वाले : काज़िम सदीक़ी, इमामे जुमा तेहरान

काज़िम सदीक़ी ने कहा है कि पवित्र क़ुरआन को जलाने वाले वास्तव में क़ुरआन को नहीं जला रहे हैं बल्कि वे आत्मदाह कर रहे हैं।

तेहरान के इमामे जुमा हुज्जतुल इस्लाम काज़िम सदीक़ी ने कहा कि पवित्र क़ुरआन की वास्तविकता तक पहुंचना हरएक के बस की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि क़ुरआन से दुश्मनी, शैतानी आत्मा होने की निशानी है।

तेहरान के इमामे जुमा ने कहा कि वे दुष्ट जो पवित्र क़ुरआन का अनादर करके उसे जला रहे हैं वे एक प्रकार से आत्मदाह कर रहे हैं। उनका कहना था कि ईश्वरीय भय ही मोक्ष या कल्याण का कारण है जबकि इसके न होने से पतन सुनिश्चित है।

याद रहे कि स्वीडन और डेनमार्क में मुसलमानों की पवित्र पुस्तक क़ुरआन शरीफ़ का अनादर वहां की पुलिस के संरक्षण में किया जा रहा है। पहले एक इराक़ी मूल के एक व्यक्ति सलवान मूमिका ने पवित्र क़ुरआन का अपमान किया था उसके बाद डेनमार्क के एक अतिवादी, इस्लाम विरोधी राष्ट्रवादी गुट ने एक बार इराक़ के दूतावास के बाहर और फिर दूसरी बार तुर्किये और मिस्र के दूतावासों के बाहर पवित्र क़ुरआन की प्रतियां जलाईं।

इस घृणित अपराध पर संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचवि गुटेरस ने इसकी निंदा करते हुए इस्लामी जगत के साथ सहयोग करने और इस्लाम विरोधी कार्यवाहिंया न करने की बात कही है।