नई दिल्ली: दिल में हौसला हो तो तूफानों में भी चलकर सफलता हासिल की जा सकती है। मोहम्मद आमिर अली (22) ने ऐसा ही कर दिखाया है। अमेरिका की एक कंपनी ने उन्हें अपने यहां 70 लाख रुपये का सालाना पैकेज दिया है। जेईई मेन परीक्षा देने के बाद एनएसआइटी में बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर में उनका दाखिला हो गया था, लेकिन आर्थिक हालत कमजोर होने के कारण वह दाखिला नहीं ले सके थे।
एक साल छोड़ दी पढ़ाई
वर्ष 2014 में बारहवीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ और बॉयोलॉजी पढ़कर 70.8 फीसद अंक लाने वाले आमिर ने एक साल पढ़ाई छोड़ दी थी। अगले साल 2015 में जामिया विश्वविद्यालय में बीटेक एवं इंजीनियरिंग डिप्लोमा की प्रवेश परीक्षा दी। जामिया से 2015 से 2018 तक उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। अब आमिर को अमेरिका की फ्रिजन मोटर वर्क्स ने बैट्री मैनेजमेंट सिस्टम इंजीनियर का पद दिया है।
इलेट्रिकल विषय में है दिलचस्पी
आमिर मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले हैं और दिल्ली में जामिया नगर में रहते हैं। आमिर की दिलचस्पी इलेट्रिकल विषय में है। उन्होंने जामिया के सेंटर फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (सीआइई) के तहत इलेक्ट्रिक कार प्रोजेक्ट पर काम किया।
पिता ने लिया कर्ज
आमिर के पिता शमशाद अली जामिया में इलेक्ट्रीशियन हैं। उन्होंने कर्जा लेकर 40 से 50 हजार रुपये तक की एक मारुति 800 कार खरीदकर आमिर को दी। आमिर ने अपनी मेहनत से इसे इलेक्ट्रिक चार्जिंग कार में तब्दील कर दिया। इसे पिछले साल 29 अक्टूबर को जामिया के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में प्रदर्शित किया गया।
इसके बाद यह जानकारी जामिया की वेबसाइट में भी दी गई। आमिर का काम देश-विदेश की कई कंपनियों की नजर में आया। जामिया के पॉलिटेक्निक के प्रोफेसर वकार आलम और सीआइई के सहायक निदेशक डॉ. प्रभाष मिश्र के नेतृत्व में आमिर ने प्रोजेक्ट पूरा किया।
बुधवार को ईद है। ईद से एक दिन पहले ही बेटे से पिता को शानदार तोहफा मिल गया। शमशाद अली बताते हैं कि बचपन से ही आमिर इलेक्ट्रिक उपकरणों से जुड़े सवाल पूछते थे। मैं सवालों का जवाब नहीं दे पाता था। मुझे खुशी है कि मेरे बेटे को अच्छा प्रस्ताव मिला है।