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आरएसएस के माँ भारती के पुरोहितों की पुलिस के साथ बैठक में लिया गया फ़ैसला, उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम के क़रीब बक़रीद की नमाज़ नहीं पढ़ी जाएगी!

उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम के करीब बकरीद की नमाज़ नहीं पढ़ी जाएगी. बद्रीनाथ धाम में पंडा-पुरोहितों की पुलिस और मुस्लिम समुदाय के साथ बैठक में ये फैसला लिया गया.

देश भर में 29 जून को ईद उल जुहा (बकरीद) का त्योहार मनाया जाएगा. इसी सिलसिले में यहां बैठक की गई. पुलिस के मुताबिक बद्रीनाथ धाम में मुसलमानों की आबादी दो से तीन फ़ीसदी है. इनमें बाहर से काम के लिए आए मज़दूर शामिल हैं.

श्री बद्रीश पंडा पंचायत के अध्यक्ष प्रवीण ध्यानी ने बताया कि, बद्रीनाथ में ईद की नमाज़ अदा करने की परंपरा नहीं है. उन्होंने कहा, “2021 में यहाँ क़रीब 40 लोगों द्वारा नमाज़ पढ़ी गई थी. इस बार एहतियात बरतते हुए पुलिस प्रशासन को बीच में रखकर हमने यह बैठक की.”

ध्यानी ने बताया कि यहां चल रहे मास्टर प्लान और विभिन्न कार्यों में लगे मुस्लिम ठेकेदार व मजदूरों के साथ थाना बद्रीनाथ में यह मीटिंग हुई

उन्होंने बताया कि बैठक में पंडा-पुरोहितों ने मांग की थी, “बद्रीनाथ धाम में ईद की नमाज अदा नहीं होनी चाहिए क्योंकि, यहां पर धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ईद की नमाज अदा करने की परंपरा नहीं है.”

“बद्रीनाथ से क़रीब 14 किलोमीटर पहले पड़ने वाली जगह “हनुमानचट्टी” से ऊपर त्योहार नहीं मनाया जाएगा.”

उन्होंने बताया, “हमने दूसरे समाज के लोगों से कहा कि आप पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही “जोशीमठ” के गांधी मैदान में ही नमाज़ अदा करें और भविष्य में भी यही नियम लागू रहेगा.”

प्रवीण धयानी ने बताया कि,”बैठक में मौजूद मुस्लिम लोगों ने हमारी यह सभी बातें मान ली.”

बद्रीनाथ थाने के प्रभारी लक्ष्मी प्रसाद बिजलवान ने बताया, “ईद उल जुहा के मौके पर बद्रीनाथ धाम में ईद की नमाज अदा न करने की मांग की थी, जिस पर पुलिस ने बैठक बुलाकर सभी से बातचीत की.”

उन्होंने कहा, “बद्रीनाथ में दो या तीन परसेंट ही मुस्लिम आबादी है. यह वो लोग हैं जो यहाँ काम करने आते हैं. उनमें मज़दूर और ठेकेदार शामिल हैं.”

“यह लोग टेम्प्रेरी सीज़न में यहाँ व्यवसाय के लिए ही आते हैं. यहाँ परमानेंट कोई भी नहीं रहता, तो यह लोग जोशीमठ ही चले जाते हैं.”

बिजलवान के मुतबिक पहले से ही ये सिस्टम चला आ रहा है कि यह लोग ख़ुद ही नमाज़ पढ़ने जोशीमठ चले जाते हैं, क्योंकि ईदगाह तो यहाँ नहीं है, वो जोशीमठ में ही है.

वहीं चमोली के एसपी प्रमेंद्र डोभाल ने बीबीसी के लिए राजेश डोबरियाल से बात करते हुए कहा कि आमतौर पर सभी त्योहारों से पहले पुलिस शांति समिति (पीस कमेटी) की बैठक आयोजित करवाती है लेकिन बद्रीनाथ में जिस बैठक में नमाज़ न पढ़े जाने की बात है उसमें पुलिस शामिल नहीं थी.

उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला अभी आया है और वह इसे चेक करवा रहे हैं.

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आसिफ़ अली

बीबीसी हिंदी के लिए, देहरादून से

 

राधादेव शर्मा 🇮🇳
@RADHA_83
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Jun 27
उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम के आसपास के इलाकों में ईद नहीं मनाई जाएगी. बद्रीनाथ धाम में पंडा पुरोहितों की बैठक में यह फैसला लिया गया है. फैसले के अनुसार, जोशीमठ से आगे ईद का त्योहार नहीं मनाया जाएगा.
पिछले वर्षों तक ईद बद्रीनाथ धाम में भी मनाई जा रही थी.

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पंडा पुरोहित और तीर्थ पुरोहितों के साथ-साथ बद्रीनाथ धाम में अलग-अलग कार्यों में लगे हुए ठेकेदार और उनके मजदूरों के साथ थाना बद्रीनाथ में बैठक हुई.
जिसमें पंडा समाज ने मांग की कि बद्रीनाथ धाम में ईद की नमाज अदा नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यहां पर धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ईद की नमाज अदा करने की परंपरा नहीं है.