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आसनसोल के इमाम ने अपने बेटे की बलि देकर पूरे शहर के बेटों को बचा लिया है: आज़म खान

“मैं शांति चाहता हूं। मेरा बेटा चला गया है। मैं नहीं चाहता कि कोई दूसरा परिवार अपना बेटा खोए। मैं नहीं चाहता कि अब और किसी का घर का जले। मैंने लोगों से कहा है कि अगर मेरे बेटे की मौत का बदला लेने के लिए कोई कार्रवाई की गई तो मैं आसनसोल छोड़ कर चला जाऊंगा। मैंने लोगों से कहा है कि अगर आप मुझे प्यार करते हैं तो उंगली भी नहीं उठाएंगे। मैं पिछले तीस साल से इमाम हूं, मेरे लिए ज़रूरी है कि मैं लोगों को सही संदेश दूं और वो संदेश है शांति का। मुझे व्यक्तिगत नुकसान से उबरना होगा।”

ये ब्यान आसनसोल मस्जिद के इमाम मौलाना सिबतुल्लाह ने अपने 16 वर्षीय बेटे की मौत पर भड़की जनता को शाँत किया था,जिसकी देशभर में तारीफ होरही है,रवीश कुमार जमकर तारीफ करी थी तथा आईपीएस संजीव भट्ट ने भी इनको सलाम किया है,तो बीजेपी के आसनसोल से साँसद बाबुल सुप्रिया ने भी मौलाना से मिलने की इच्छा जताते हुए उनके सहन को सलाम किया है।

पश्चिम बंगाल में इमाम के बेटे की हत्या पर आज़म खान का बड़ा बयान कहा जिस जगह कानून होता है वहा कानून बदला लेता है । बदला तो होता है , यह तो एक बाप का बड़ा पन था ओर बड़ेपन के साथ साथ उन्हें मालूम था कि मुझे यह कहना चाहिए । अगर कुछ हिनसा भड़क जाती तो न जाने कितने बेटे और मरते । उन्होंने लाचारों ओर कामज़ोरो के बच्चो को महफूज़ कर लिया अपने बेटे की बली देकर , लेकिन कानून बनाने वालों की ज़िम्मेदारी क्या है कानून चलाने वालों और बनाने वालों को क्यो शर्म नही आती कानून है कहा देश मे । अराजकता है ।

जब तक मुसलमानो के घर नही जलाये जाएंगे, धर्म के नाम पर उनकी हत्या नही करेंगे , प्रधान मंत्री जैसा व्यक्ति जबतक शमशान ओर कब्रस्तान का हिसाब नही लेंगे , जबतक होली ओर ईद का फर्क नही बताएंगे , वोट कैसे मिलेगा । विकास पर तो वोट मिलेगा नही । जी ऐस टी, नोटबन्दी ओर स्लाटर हाउस के नाम पर तो वोट मिलेगा नही ।

किस बात पर वोट मिलेगा भाजपा को । क्या किया है इन चार साल में । जितने भी काम या उद्घाटन हो रहे है वो पहले की सरकारों में किये हुए है । एलिवेटेड रोड का उद्घाटन हुआ है अखलेश उद्घाटन नही कर सके तो आपने कर दिया । लाखो मकान बनाये हमने फीता अपने काट दिया ।