विशेष

इज़राइल की एतिहासिक वास्तविकता क्या है? : पार्ट -2

कश्मीरा एण्ड शहरयार
===========
·

इजराइल की एतिहासिक वास्तविकता क्या है? पार्ट -2
हज़रत इस्हाक़ जो हज़रत इब्राहीम की पहली बीवी हज़रत हाजरा से थे और वो उस समय के क़नआन और आज के फिलिस्तीन में आबाद हुए उनके बेटों में हज़रत याकूब नबी चुने गये । हज़रत याक़ूब अलैहिस्सलाम की उपाधि इसराईल थी। इसराइल का अर्थ है ईश्वर का सेवक। उनके बारह बेटे हुए जिनमें हज़रत यूसुफ़ को उनके भाईयों ने जंगल के एक कुएं में फेंक दिया क्योंकि उनके पिता सभी बारह बेटों में यूसुफ़ से अत्यधिक प्रेम करते थे । मगर ईश्वर की मर्जी से उनको जंगल से गुजरते हुए लोगों ने कुएं से निकालकर मिस्र के बाजार में वहाँ के बादशाह को बेच दिया। मिस्र के एक समय लंबा अकाल पड़ा तो मिस्र के बादशाह ने हज़रत यूसुफ़ की योग्यता के आधार पर इसका मेनेजमेंट उनके सुपुर्द कर दिया । वहां के बादशाह ने बाद में हज़रत यूसुफ़ को मिस्र का उत्तराधिकारी घोषित किया गया । उस समय हज़रत याकूब अपने सभी बेटों के साथ मिस्र में आ बसे ।

समय गुजरता रहा और मिस्र में हज़रत याकूब के बेटों की नस्ल बढ़ती रही और उनको सहयोग भी मिलता रहा , जब हज़रत यूसुफ़ अलैहिस्सलाम की वफात हुई तो उसके बाद वहाँ के शासकों के दिल में भी इस्राइलियों का वही मान सम्मान रहा । क्योंकि उनका मूल भी फिलिस्तीन था , परंतु मिस्र के मूल निवासी जो क़िब्ती थे उनको बाहरी लोगों के शासन के विरोधी थी और अंततः उन्होंने हेक्सस लोगों के खिलाफ बगावत कर दी तथा मिस्र की सत्ता अपने हाथ में ले ली । क़िब्ती जाती के शासकों की उपाधि फिरओन थी जबकि उनसे पहले के शासकों को अजीज कहा जाता है । क़िब्तियो के शासन में अब हज़रत याकूब के बेटों के कबीलों का कोई सम्मान नहीं बचा बल्कि उनसे नौकरों और गुलामों से व्यवहार किया जाने लगा , जब ज़ुल्म हद से बढ़ चुके उस समय ईश्वर ने इसी क़ौम मैं से हज़रत मूसा और उनके भाई हज़रत हारून को नबी चुना । जिन्होंने इन बारह कबीलों को फिरओन से आजादी दिलवाई। और सिनाई रेगिस्तान में ले गये जहाँ वो लम्बे समय तक रहे । वहीं पर ईश्वर की ओर से उनको पेड़ों पर ओस की बूंदों के रूप में तथा धरती पर एक प्रकार के पक्षी के रूप में भोजन दिया गया
क्रमशः