इतिहास

इतिहासकारों का दावा ब्रिटेन की महारानी पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद साहब की औलाद में से हैं

नई दिल्ली: अंतिम सन्देष्टा हज़रत मोहम्मद सल्ललाहु अलैही व्सल्लम जो पूरी दुनिया के लिये रहमत बनाकर भेजे गए थे,जो दुनिया के खत्म होने तक मात्र एक आईडियल पर्सनॉलिटी हैं,हज़रत मोहम्मद साहब के चार बेटियाँ थी (1)रुक़य्या(2)ज़ैनब(3)उम्मे कुलसुम(4) फ़ातिमा,हुज़ूर का कोई बेटा जीवित नही रहा इस लिये इन बेटियों की औलाद को ही अंतिम सन्देष्टा के वंशज माना जाता है,जिनको सय्यद कहते हैं।

इन दिनों इंटरनेशनल मीडिया में एक रिपोर्ट बड़ी तेजी के साथ फैल रही है कि शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि ब्रिटेन की द्वितीय महारानी एलिज़ाबेथ अंतिम सन्देष्टा मोहम्मद साहब की वँशज हैं।मोरक्को के एक अखबार ने इस बात का दावा सबसे पहले किया था जिसके बाद ये खबर पूरी दुनिया में तेज़ी के साथ फैल गई ।

ब्रिटेन के शाही फैमिली के वंशावली की 43 पीढ़ियों को ट्रेस करने के बाद इतिहासकारों का दावा है कि एलिजाबेथ द्वितीय का इस्लाम के वंशजों से संबंध है। रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन की महारानी वाकई पैगंबर की 43वीं वंशज हैं।

साल 1986 में शाही वंश पर अध्ययन करने वाली आधिकारिक संस्था बर्क्स पीरगे के पब्लिशिंग डायरेक्टर हैरल्ड बी ब्रूक्स बेकर ने यह दावा किया था। लेकिन अब मोरक्को के एक अखबार ने मार्च महीने में अपने आर्टिकल में ऐसा ही दावा किया है।

इतिहासकारों के मुताबिक एलिजाबेथ द्वितीय की ब्‍लडलाइन 14वीं सदी के अर्ल ऑफ कैंब्रिज से है और यह मध्‍यकालीन मुस्लिम स्‍पेन से लेकर पैगंबर की बेटी फातिमा तक जाती है। फातिमा हजरत मोहम्मद की बेटी थीं और उनके वंशज स्पेन के राजा थे, जिनसे महारानी का संबंध बताया जा रहा है। इसी वजह से, महारानी को मोहम्मद का वंशज कहा जा रहा है।गौरतलब है कि इस्लाम का आरम्भ स्पेन में 711 ईसवी में अरब के बनी उमैय्या के शासनकाल में हुआ था। मुस्लिम शासन वहां 1492 ईसवी तक रहा।

बर्क्स पीरगे ने अपने दावे में कहा था कि महारनी मुस्लिम राजकुमारी जाइदा के परिवार से हैं। अलमोराविद्स ने जब अब्बासी सलतनत पर हमला किया तो जाइदा अपनी जान बचाने के लिए स्पेन के राजा किंग अल्फोंसो छठे के दरबार में पहुंच गई थी। वहां उन्होंने किंग से शादी करके अपना नाम इसाबेला रख लिया। किंग से उनको एक लड़का पैदा हुआ जिनका नाम सांचा था। थर्ड अर्ल ऑफ कैंब्रिज रिचर्ड ऑफ कौन्सबर्ग सांचा के वंशज थे जो इंग्लैंड के किंग एडवर्ड तृतीय के पोते थे। हालांकि, जब इस मसले पर बकिंगम पैलेस से हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया ने सवाल किया तो कहा गया, ‘हम इस तरह के दावों पर कोई जवाब नहीं देते हैं।’