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इल्विश यादव, बागेश्वर बाबा बनाम मोनू मानेसर…..काम भागवत के ही आएगा!

Shyam Meera Singh
@ShyamMeeraSingh
इल्विश यादव, बागेश्वर बाबा बनाम मोनू मानेसर
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बागेश्वर और इल्विश इन दोनों का उदय सामान्य नहीं है ये दोनों भाजपा के निवेश हैं। इन दोनों को वैचारिक रूप से मँझे प्रगतिशील लोगों में पसंद नहीं किया जाता क्योंकि वे इन दोनों की छोटी छोटी चालबाज़ियों को समझते हैं। लेकिन आम जनों में, जो विचारधाराओं और उसकी सूक्ष्मताओं में उतने नहीं घुसते। उन्हें इनसे दिक़्क़त नहीं है। उन्हें इनमें अपनापन दिखता है। जब इस तरह के लोग लोकप्रियता के शीर्ष पर होते हैं। तब इनका एक एक शब्द सुना जाएगा। और ये तय है कि इनके शब्द किन धाराओं से आएँगे। लाभ भी उसी वैचारिक स्रोत की राजनीतिक इकाई को पहुँचाएँगे। वहीं मोनू मानेसर भी भाजपा के काम का आदमी है। लेकिन अभी भाजपा को सिर्फ़ कट्टरपंथियों की ही जरूरत नहीं है। चूँकि अब 10 साल बीत चुके हैं। अब हिंदुत्व को पीड़ित दिखाकर बहुत बड़ी मार्केट में बेचा नहीं जा सकता। कुछ ग्राहक अब भी मिलेंगे। लेकिन अब महंगाई, नौकरियों के सवालों ने बहुत से आम जनों के कट्टरपंथ को ढीला किया है। मोनू मानेसर कुछ अतिवादियों का पॉस्टर बॉय हो सकता है लेकिन बहुत बड़े वर्ग के वोट के लिए अभी ऐसे फ़ेस चाहिए जो आम जनों के व्यवहार से आते हैं। उनके पूर्वाग्रहों का नेतृत्व भी करते हैं। जैसे पाकिस्तान बुरा है। हिंदू धर्म महान है। लेकिन एकदम लठैत भी न हों। इसलिए इल्विश यादव और बागेश्वर बाबा जैसे लोग अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा के अनुरूप अपने दर्शकों की ट्रेनिंग करेंगे। कल तक जो लड़का/लड़की सिर्फ़ एंटरटेनमेंट देखता था। और बिग बॉस के माध्यम से इल्विश के पास आया। अब जब इल्विश गाहे-बगाहे लिबरलों, Secularism, अपोज़िशन को गाली देगा। तब उस न्यूट्रल आदमी को वो अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा के समीप ला रहा होगा। या उसे भाजपा से ही जुड़े रहने का कारण देगा। यही बाग़ेश्वर बाबा के मामले में है। ये दोनों मिडिल क्लास, लोअर मिडिल क्लास शहरी/ग्रामीण आम जन की पॉलिटिकल ट्रेनिंग के केंद्र बनेंगे जो मोनू मानेसर से उतना प्रभावित न होता।
इल्विश के नाम में यादव ज़रूर है पर काम भागवत के ही आएगा।

डिस्क्लेमर : लेख में व्यक्त विचार लेखक के अपने निजी विचार और जानकारियां हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है, लेख सोशल मीडिया से प्राप्त हैं

 

Sanjay Kumar
@SanjayK03403691
·Aug 15
यादव समाज को लगता है बिग बॉस मे इलविश यादव की जीत यादवों की जीत है। जबकि ये ओबीसी समाज प्रति सोची समझी साजिश है । सलमान खान को अपनी छवि बचानी थी। और जियो सिनेमा किसका है? ये तो हर कोई जानता है । विजेता कौन होगा इसका फैसला कहा से लिया गया होगा ये आप समझ ही सकते हैं।