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इसराइल और हमास के बीच जंग के 11वे दिन की हर ख़बर सिर्फ़ एक क्लिक पर, यहाँ पढ़ें!

ग़ज़ा में मरने वालों की संख्या 3,000 पार

फ़लस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि ग़ज़ा पट्टी में सात अक्टूबर से लेकर अब तक क़रीब 3,000 लोगों की जान गई है.

वहीं, घायलों की संख्या 12,500 तक पहुंच गई है.

इसके साथ ही इसराइली नियंत्रण वाले वेस्ट बैंक में 61 फ़लस्तीनी मारे गए हैं और 1250 घायल हुए हैं.

इसराइल ने बीते दिनों ग़ज़ा शहर में रहने वाले लोगों को दक्षिणी ग़ज़ा में जाने को कहा था.

इसराइल की ओर से ड्रोन के ज़रिए पर्चे भी फेंके गए थे.

इसके बाद ग़ज़ा शहर से हज़ारों लोग अपने सामान के साथ दक्षिणी ग़ज़ा की ओर चलते देखे गए हैं.

ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़, अब तक छह लाख फ़लस्तीनी उत्तरी ग़ज़ा से दक्षिण की ओर जा चुके हैं.

ऐसे में कई लोग सड़कों पर रहने को मजबूर हैं. इसे लेकर यूएन से लेकर तमाम अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं चिंता जता रही हैं.

इसराइल ने उत्तरी ग़ज़ा में पानी, बिजली, ईंधन की आपूर्ति बंद की हुई है. इसराइली कार्रवाई के चलते ग़ज़ा में मानवीय संकट खड़ा होने की बात भी कही जा रही है.

हालांकि, इसराइली सेना इन दावों को खारिज कर रही है.

इसराइली ख़ुफ़िया प्रमुख ने हमास के हमले को माना अपनी नाकामी, जानिए अब तक क्या-क्या हुआ

इसराइली सेना के ख़ुफ़िया विभाग के प्रमुख अहारॉन हलिवा ने हमास का हमला रोकने में नाकाम रहने की बात स्वीकार की है.

इसराइली सैनिकों को लिखी चिट्ठी में उन्होंने इस बारे में बात की है.

इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि ख़ुफ़िया विभाग की नाकामी की वजह से हमास ये हमला करने में सफल हो सका.

मेजर जनरल अहारॉन हलिवा ने लिखा है, “मेरे अधीन आने वाला मिलिट्री इंटेलिजेंस डायरेक्टोरेट सात अक्टूबर को हमास के हमले की पूर्व चेतावनी देने में विफल रहा.”

उन्होंने लिखा, “हम अपने सबसे महत्वपूर्ण मिशन में नाकाम हो गए और मैं मिलिट्री इंटेलिजेंस डायरेक्टोरेट का प्रमुख होने के नाते इस विफलता की पूरी ज़िम्मेदारी लेता हूं.”

हलिवा ने इसके बाद लिखा है कि इस हमले की गहराई से जांच होगी लेकिन फिलहाल आईडीएफ़ का एकमात्र लक्ष्य ‘जवाब देना और जीतना’ है.

इस चिट्ठी के कुछ अंश इसराइली मीडिया में छपे हैं और समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इसकी पुष्टि की है.

इसराइल ने बताया – 344 लोग अब भी अस्पताल में भर्ती

 

इसराइल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि पिछले सप्ताह हमास के हमले में घायल 344 लोग अब भी अस्पताल में हैं.

हमास की ओर से किए गए हमले में अब तक 1400 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.

मंगलवार को जारी बयान में कहा गया है कि इस हमले में घायल हुए 82 मरीज़ों की स्थिति गंभीर है.

वहीं, 194 मरीज़ों की हालत स्थिर हैं और 68 मरीज़ों अब मामूली कारणों से अस्पताल में हैं.

हमले के बाद 4,229 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि वह बुधवार को इसराइल का दौरा करेंगे.

ईरानी दूतावास ने फ़लस्तीनियों के समर्थन पर पाकिस्तान की तारीफ़ की

कराची में हुए मार्च में शामिल लोगImage caption: कराची में हुए मार्च में शामिल लोग
पाकिस्तान स्थित ईरानी दूतावास ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर इसराइल – हमास संघर्ष के दौरान फ़लस्तीनी लोगों के प्रति समर्थन जताने के लिए पाकिस्तान सरकार की तारीफ़ की है.

पाकिस्तान के क्वेटा में स्थित ईरानी कॉन्सुलेट जनरल से जुड़ी एक संस्था ने हाल ही में इसराइल हमास संघर्ष की मार झेल रहे फ़लस्तीनी लोगों के समर्थन में एक कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी.

इसके बाद ईरानी कॉन्सुलेट जनरल ने अपने अकाउंट पर इस कॉन्फ्रेंस की तारीफ़ की है. इस पोस्ट में बताया गया है कि कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के युवा संगठन, शोधार्थी, बुद्धिजीवी और प्रमुख सामाजिक हस्तियां शामिल हुई थीं.

इससे पहले 15 अक्टूबर को भी एक पोस्ट की गई थी जिसमें जमात-ए-इस्लामी पार्टी की ओर से बुलाए गए मार्च की तारीफ़ की गई है.

पोस्ट के मुताबिक़, इस मार्च में फ़लस्तीन के समर्थन और इसराइल की निंदा करने के लिए लाखों लोग शामिल हुए थे.

मिस्र की सीमा पर फ़ंसे ग़ज़ा छोड़ने की कोशिश कर रहे हज़ारों लोग

एक हफ़्ते से ग़ज़ा में इसराइल के हवाई हमले जारी हैं, जिसमें लगभग 2700 लोगों की मौत हुई है.

क़रीब एक हज़ार लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है.

इसराइल का रूख़ आक्रामक है और ग़ज़ा से लोगों का पलायन जारी है.

लेकिन फ़िलहाल उन्हें कहीं पनाह नहीं मिल रही है. कवर स्टोरी में आज इसी की बात.