तीन मई को इस मामले की सुनवाई होने जा रही है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़, गिरफ़्तार किए गए कर्मचारियों ने इस्राईल के लिए जासूसी की थी और उसे बेहद संवेदनशील जानकारियां दी थीं।
जासूसी के आरोप साबित होने की स्थिति में इन कर्मचारियों को फांसी तक की सज़ा दी जा सकती है।
ज़ाहिरा अल आलमी नाम की सुरक्षा कंपनी में यह लोग काम करते थे जबकि इस कंपनी में कुल 75 भारतीय हैं जिनमें अधिकार भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं। गिरफ़तार किए गए कर्मचारियों के परिजनों को हाल ही में इनसे मिलने की इजाज़त भी दी गई थी।
ये कंपनी दोहा में अपनी सभी सेवाएं 31 मई से बंद करने जा रही है और सभी भारतीय कर्मचारियों को बता दिया गया है कि उनकी नौकरी ख़त्म कर दी जाएगी। रिपोर्टों के मुताबिक़, दोहा स्थित ज़ाहिरा अल आलमी ने अपने सभी भारतीय कर्मचारियों से कहा है कि वो इस्तीफ़ा दे दें।
द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, ‘एडवांस्ड सर्विसेज़ एंड मेंटेनेंस’ नाम की एक कंपनी ज़ाहिरा अल आलमी की इमारतों, ठेकों और भारतीय कर्मचारियों समेत सभी संपत्तियों को अपने नियंत्रण में ले रही है।
भारतीय मीडिया और अन्य ग्लोबल मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक़, इन पूर्व नौसैनिकों पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर अति उन्नत इतालवी पनडुब्बी को ख़रीदने से संबंधित क़तर के ख़ुफ़िया कार्यक्रम के बारे में इसराइल को जानकारी दी थी। यानी इन नौसैनिकों पर इसराइल के लिए जासूसी करने के आरोप भी लगाए जा सकते हैं।
सितम्बर 2022 से क़तर की क़ैद में बंद आठ भारतीय नौसेनिकों के सम्बन्ध में सोशल मीडिया में अनेक लोगों ने पोस्ट किया है कि इन भारतीय सैनिकों को क़तर में मौत की सज़ा दी गयी है, बता दें कि लोगों की निजी पोस्ट के आलावा अन्य किसी ज़रिये से ख़बर के बारे में हक़ीक़त सामने नहीं आयी है,

क्या था मामला
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कंपनी में भारतीय नागरिकता रखने वाले कर्मचारियों की संख्या 75 है. इनमें से अधिकांश भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं.
कांट्रेक्ट के मुताबिक़, इन कर्मचारियों की नौकरी साल 2029 तक थी. लेकिन अब सभी से कहा गया है कि 31 मई 2023 को उनकी नौकरी समाप्त हो जाएगी.
जासूसी के आरोप में गिरफ़्तार आठ कर्मचारियों को पहले ही बर्ख़ास्त कर दिया गया है और उनके वेतन का हिसाब-किताब भी कर दिया गया है.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़, गिरफ़्तार किए गए कर्मचारियों ने संवेदनशील जानकारी इसराइल को दी थी.
क़तर में जासूसी के आरोप अगर तय होते हैं तो गिरफ़्तार किए गए इन कर्मचारियों को फांसी तक की सज़ा दी जा सकती है.
द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, ‘एडवांस्ड सर्विसेज़ एंड मेंटेनेंस’ नाम की एक कंपनी ज़ाहिरा अल आलमी की इमारतों, ठेकों और भारतीय कर्मचारियों समेत सभी संपत्तियों को अपने नियंत्रण में ले रही है.
क़तर की एएसएम कही जाने वाली इस कंपनी की बागडोर दो फ़्रांसीसी अधिकारियों के हाथ में है. इस कंपनी में ब्रितानी, फ्रेंच और ओमानी नागरिक कर्मचारी हैं जो अब क़तर की नोसेना को प्रशिक्षण देंगे.
क्या हैं आरोप?
सितंबर 2022 में क़तर सरकार ने 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को गिरफ़्तार किया था. मार्च में इन पर जासूसी के आरोप तय किए गए थे. हालांकि क़तर सरकार ने भारत सरकार को इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी है. ना ही अभी तक इन अधिकारियों पर लगे आरोपों की पुष्टि की गई है.
ये माना जा रहा है कि बुधवार को सुनवाई से पहले क़तर भारतीय अधिकारियों के रिश्तेदारों को उन पर लगे आरोपों के बारे में अधिक जानकारी दे सकता है.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़, कंपनी के प्रमुख खमीस अल अजामी और गिरफ़्तार किए गए 8 भारतीयों के ख़िलाफ़ कुछ आरोप सामान्य हैं जबकि कुछ ख़ास क़िस्म के हैं.
गिरफ़्तार भारतीय अधिकारियों के रिश्तेदारों ने इन आरोपों का खंडन किया है.
ख़मीस अल अज़ामी ओमान की रॉयल एयर फ़ोर्स से सेवानिवृत्त स्वॉड्रन लीडर हैं. उन्हें सितंबर में भारतीय अधिकारियों के साथ गिरफ़्तार किया गया था, लेकिन बाद में नवंबर में रिहा कर दिया गया था.
भारतीय मीडिया और अन्य ग्लोबल मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक़, इन पूर्व नौसैनिकों पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर अति उन्नत इतालवी पनडुब्बी को ख़रीदने से संबंधित क़तर के ख़ुफ़िया कार्यक्रम के बारे में इसराइल को जानकारी दी थी. यानी इन नौसैनिकों पर इसराइल के लिए जासूसी करने के आरोप भी लगाए जा सकते हैं.
क़तर की ख़ुफ़िया एजेंसी का दावा है कि उसके पास इस कथित जासूसी के बारे में इलेक्ट्रॉनिक सबूत मौजूद हैं.
विपक्ष ने की प्रधानमंत्री की आलोचना?
पिछले सप्ताह जब भारतीय मीडिया में इन गिरफ़्तार अधिकारियों पर लगे आरोपों के बारे में जानकारी प्रकाशित हुई और कयास लगाया गया कि उन्हें मौत की सज़ा सुनाई जा सकती है तो भारत में विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर क़तर में गिरफ़्तार भारतीय नाविकों के मामले में दख़ल न देने के आरोप लगाए.
खड़गे ने ट्विटर पर लिखा, “भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को क़तर में अगस्त 2022 से क़ैद में रखा गया और वो मौत की संभावित सज़ा का सामना कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय कहता है कि क़तर ने आरोपों के बारे में भारत को जानकारी नहीं दी है.”
खड़गे ने लिखा, “मोदी सरकार ने ख़ामोशी से आत्मसमर्पण कर दिया है. इससे भारत को विश्वगुरु बनाने के उनके दावों की भी हवा निकल ग
क्या करती है ज़ाहिरा अल आलमी?
कंपनी की वेबसाइट पर उसे क़तर के रक्षा मंत्रालय, सुरक्षा और दूसरी सरकारी एजेंसियों का स्थानीय व्यापारिक पार्टनर बताया गया है.
कंपनी ने ख़ुद को रक्षा उपकरणों को चलाने और उनकी मरम्मत और देखभाल करने का विशेषज्ञ बताया है.
इस वेबसाइट पर कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों और उनके पद की पूरी जानकारी दी गई है.
उनमें कई भारतीय भी शामिल हैं.
कंपनी के लिंक्डइन पेज पर लिखा है, “यह रक्षा उपकरणों को चलाने और लोगों को प्रशिक्षण देने के मामले में क़तर में सबसे आगे है.”
आगे लिखा है, “अल ज़ाहिरा कंपनी सुरक्षा और ऐरोस्पेस के मामले में क़तर में विशेष हैसियत रखती है.”
subhash sharma,
@sharmass27
आठ भारतीय नौसैनिकों पर इस्राइल के लिए जासूसी करना पड़ा मंहगा,
क़तर ने सुनाई मौत की सज़ा
बाकी सब कुशल मंगल बजरंग है
Ibrahim Shaikh
@Unofficialibbo
3/3
जासूसी के साबित होते हैं तो इन कर्मचारियों को फांसी तक की सज़ा दी जा सकती है..!
भारत में होते हैं तो ISI के लिए जासूसी करते हैं, बाहर कमाने गए तो इज़राइल के लिए जासूसी करने लगे! लेकिन, क़तर भारत नहीं है जहां गद्दार हिंदुओं को ‘हनीट्रैप’ का लाभ देकर बख्शा जाता है..!
Ibrahim Shaikh
@Unofficialibbo
2/3
लेकिन अब सभी से कहा गया है कि 31 मई 2023 को उनकी नौकरी समाप्त हो जाएगी.
जासूसी के आरोप में गिरफ़्तार आठ कर्मचारियों को पहले ही बर्ख़ास्त कर दिया गया है और उनके वेतन का हिसाब-किताब भी कर दिया गया है. गिरफ़्तार किए गए कर्मचारियों ने संवेदनशील जानकारी इसराइल को दी थी.
क़तर में
Jitender Walia
@JitenderWalia7
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार कतर में भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा होने वाली है ? इन भारतीय अधिकारियों पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप है ये सब आठ महीनों से कतर की जेल में बन्द है
और भारत के न्यूज चैनल दिखा रहे है कि कांग्रेस ने मोदी को 91 गाली दी
Dr. Rakesh Sahai / राकेश सहाय
@DrRakeshsahai
इजरायल से बेईमान सिस्टम ने पेगासस फोन टेपर लिया चोरी चोरी, बदले में इजरायल के लिए जासूसी करवाई कतर में चोरी चोरी? साहब अपनी फुल मौज में लेकिन फंसे बेचारे नौ सैनिक!
इसीलिए कहता हूं, पुलिस वाले, आईएएस आईपीएस, सैनिक, सेना अधिकारी सोचें उसके बाद करें कि क्या सही क्या गलत?
Punjab Kesari
@punjabkesari
Apr 26
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को विश्वगुरु बनाने का बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन कतर में मौत की सजा का सामना कर रहे भारतीय नौसेना के आठ जांबाजों को बचाने के लिए कोई पहल नहीं करते हैं। खरगे ने कहा कि देश के इन वीर सैनिकों को कतर…
subhash sharma,
@sharmass27
आठ भारतीय नौसैनिकों पर इस्राइल के लिए जासूसी करना पड़ा मंहगा,
क़तर ने सुनाई मौत की सज़ा
बाकी सब कुशल मंगल बजरंग है
डंका बाबू और गोदी मीडिया कतर में बंदी बनाये गए पूर्व भारतीय नौसैनिकों के मामले में एकदम चुप हैं।,अरे डंका बज रहा है तो भई छुड़वाओ ना उन्हें। #dankapati #GodiMedia #Qatar #IndianNavy pic.twitter.com/kSFY5PUm1w
— Kunal Shukla (@kunal492001) May 2, 2023