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इस्राईल ने ग़ज़्ज़ा में किया होलोकास्ट : फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय

ग़ज़्ज़ा में पिछले कई दिनों से ज़ायोनियों के हाथों फ़िलिस्तीनियों पर बमबारी जारी थी। इसी बीच इस अवैध शासन ने ग़ज़्ज़ा में एक अस्पताल पर हमला करके फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध होलोकास्ट अंजाम दिया है।

ग़ज़्ज़ा के अस्पताल पर हमला, फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध ज़ायोनी शासन का अबतक का सबसे बड़ा युद्ध अपराध है। इस हमले को इस शताब्दी का होलोकास्ट माना जा रहा है।

फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार ग़ज़्ज़ा के “अलमअमदानी” अस्पताल में मारे गए सैकड़ों लोग आम नागरिक हैं। मृतकों में वे लोग भी शामिल हैं जो घायलों के उपचार और उनकी सेवा में लगे हुए थे। इतिहास में जब भी देशों के बीच युद्ध हुए हैं तो उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करते हुए हमेशा ही अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों को निशाना बनाने से दूरी बनाए रखी लेकिन अवैध ज़ायोनी शासन किसी भी क़ानून के प्रति पाबंद नहीं है। अस्पताल पर हमला करने के बाद विश्व स्तर पर आने वाली प्रतिक्रियाओं के बाद इस्राईल, स्वयं को इससे बचाने के प्रयास में लग गया है।

एसा लगता है कि ज़ायोनियों ने अब अपनी धार्मिक पुस्तक तलमूद के उस कथन पर बहुत गंभीरता से अमल करना शुरू कर दिया है जिसमें बताया गया है कि यहूदियों के अतिरिक्त दुनिया के सारे ही लोग “गोयन्स” हैं अर्थात वे जानवर हैं और केवल यहूदी ही इंसान हैं।इस हिसाब से यहूदियों को यह अधिकार है कि वे गोयन्य अर्थात पूरी दुनिया के लोगों के साथ जिस प्रकार का चाहे व्यवहार करे। चाहे उनको मारे पीटे या उनकी हत्याएं करे उनके लिए सबकुछ वैध है।

वर्तमान परिस्थितियों में जब पश्चिमी सरकारें खुलकर इस्राईल के अपराधों का समर्थन कर रही हैं तो एसे में ग़ज़्ज़ा वासियों की आशा, जद्दा में आयोजित होने वाली ओआईसी की बैठक पर टिकी हुई है। हालांकि फ़िलिस्तीनियों विशेषकर ग़ज्ज़ावासियों के विरुद्ध ज़ायोनियों के अत्याचारों का संबन्ध उनकी पाश्विक प्रवृत्ति में निहित है किंतु पश्चिमी देशों और अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा इस्राईल के मालमे में दोहरा व्यवहार अपनाने से इस अवैध ज़ायोनी शासन के भीतर दुस्साहस पैदा हुआ है।

पिछले कुछ दिनों के दौरान ज़ायोनी, ग़ज़्ज़ा के लाखों निवासियों को वहां से बाहर निकालना चाहता है जिसको व्यवहारिक करने के लिए वह ग़ज़्ज़ा पर लगातार बमबारी कर रहा है। ग़ज़्ज़ा के अलमअमदानी अस्पताल पर इस्राईल का हमला इसी कड़ी का हिस्सा है जिसमें सैकड़ों आम लोग काल के गाल में समा गए। ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल की बमबारी में अबतक 3 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त 12 हज़ार फ़िलिस्तीनी घायल बताए जा रहे हैं जिनमें अधिकांश बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। वर्तमान हालात में कि जब अवैध ज़ायोनी शासन, ग़ज़्ज़ा पर अंधाधुंध हमले कर रहा है एसे में इन हमलों को रुकवाना सबसे बड़ी ज़रूरत है।