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इस्राईल पहुंचने वाले यहूदियों की वहां से उल्टे पलायन की प्रक्रिया तेज़ हुई : रिपोर्ट

इस्राईल में जब दुनिया के अन्य देशों से यहूदी शरणार्थी लाए जाते हैं तो इस्राईली मीडिया इसका ख़ूब ढिंढोरा पीटता है और पूरी घटना को ख़ूब प्रचारित किया जाता है। एयरपोर्ट पर इस्राईली ध्वज अपने शरीर पर लपेटे विमान की सीढ़ियों से उतरते यहूदी दिखाए जाते हैं।

जब से यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ है तब से तो यह दृष्य लगातार इस्राईली मीडिया पर नज़र आते हैं। इस्राईल ने एलान कर रखा है कि यूक्रेन या रूस से आने वाले सभी यहूदियों का स्वागत किया जाएगा। इन दोनों ही देशों में यहूदियों की अच्छी ख़ासी संख्या बसती है। सोवियत संघ टूटा था तो उस समय लाखों की संख्या में यहूदी इस्राईल पहुंचे थे।

वर्ष 2022 की समाप्ति के समय ज़ायोनी एजेंसी की तरफ़ से इस बात का जश्न मनाया गया कि अच्छी संख्या में यहूदियों ने इस्राईल पलायन किया है। इस बार लगभग 70 हज़ार यहूदी रूस और यूक्रेन से इस्राईल पहुंचे। मगर आंकड़ों के अनुसार 2 लाख से अधिक यहूदी यूक्रेन में और 5 लाख से अधिक यहूदी रूस में हैं जो इस्राईल पलायन करने के लिए तैयार नहीं हैं। इससे इस्राईली अधिकारियों को चिंता है।

मगर इस्राईल बड़ी चिंता यह नहीं बल्कि सबसे बड़ी फ़िक्र की बात तो यह है कि इस्राईल पहुंचने वाले यहूदियों की वहां से उल्टे पलायन की प्रक्रिया तेज़ हो रही है। यहां तक कि बहुत से यहूदी लौटकर यूक्रेन जा रहे हैं जहां इस समय जंग के हालात हैं।

यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद दो महीने के भीतर 1800 से अधिक यहूदी जो रूस से इस्राईल आए थे दोबारा रूस लौट गए। इस्राईल में बसने वाले यहूदी यूरोपीय देशों की नागरिकता की लगातार कोशिश कर रहे हैं। फ़्रांस की नागरिकता के लिए इस्राईल में बसने वाले यहूदियों के आवेदन सबसे ज़्यादा हैं। फ़्रांस के अलावा, पुर्तगाल, पोलैंड और जर्मनी वे देश हैं जहां की नागरिकता हासिल करने के लिए इस्राईल में बसने वाले यहूदी कोशिशें कर रहे हैं।

जब इस्राईल की स्थापना हुई और यहूदियों को अन्य देशों से लाकर फ़िलिस्तीन में बसाया जाने लगा तो उसी समय से उल्टा पलायन भी शुरू हो गया था। 1948 से 1950 के बीच दस प्रतिशत से अधिक यहूदी इस्राईल छोड़कर चले गए जिसके बाद इस्राईल ने ज़ायोनियों के लिए विदेशों का वीज़ा लेने संबंधी नियम काफ़ी कड़े कर दिए। 1958 आने तक 1 लाख से अधिक यहूदी इस्राईल छोड़कर चले गए। यह संख्या 1967 में बढ़कर 1 लाख 80 हज़ार से अधिक हो गई।

1970 के दशक में तो ज़ायोनी एजेंसी को अमरीका में अपने तीन केन्द्र बंद करने पड़े जहां यहूदियों को इस्राईल लाने के लिए तैयार किया जाता था और ज़रूरी सुविधांए उपलब्ध कराई जाती थीं।

वर्ष 2017 में वेनेज़ोएला की आर्थिक हालत बहुत बिगड़ गई थी तो राजधानी काराकास में रहनी वाली यहूदी मार्लिन एनिश्यारीको बंदायन ने अमरीका जाने का इरादा किया जहां उनके रिश्तेदार रहते थे मगर ट्रम्प सरकार की कठोर इमीग्रेशन नीतियों के वजह से वे अमरीका नहीं जा सकी तो इस्राईल जाकर बसने का इरादा किया मगर वहां उनके साथ रूसी मूल की यहूदी महिला ने उनके साथ धोखाधड़ी की और यहूदी पुरुष ने वादा करने के बावजूद उनसे विवाह नहीं किया क्योंकि वे लैटिन अमेरिकी मूल की थीं। नतीजे में उन्हें इस्राईल से वापस जाकर मैक्सिको सिटी में बसना पड़ा।

2020 तक इस्राईल से उल्टा पलायन करने वालों की संख्या 8 लाख के क़रीब पहुंच गई।

इस्राईली नेताओं को अब हालिया इंतेफ़ाज़ा आंदोलन की लहर तेज़ होने के बाद डर है कि इस्राईल से फ़रार होने वाले यहूदियों की संख्या और बढ़ेगी।

फ़िलिस्तीनी और इस्राईली अधिकारियों से मुलाक़ात के बाद अमरीकी विदेश मंत्री का बयानः टू स्टेट सोल्युशन के लिए कटिबद्ध

अमरीका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने फ़िलिस्तीनी और इस्राईली अधिकारियों से मुलाक़ातें कीं जिनके दौरान उनकी कोशिश तनाव और टकराव को कम करने पर केन्द्रित रही क्योंकि इस समय जहां एक तरफ़ इस्राईल की भडकाऊ और दमनात्मक कार्यवाहियां तेज़ हो रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ़ फ़िलिस्तीनियों के प्रतिरोध ने नई मिसाल क़ायम की है।

मंगलवार की शाम ब्लिंकन रामल्ला में फ़िलिस्तीनी प्रशासन के प्रमुख महमूद अब्बास से मिले। इससे पहले वो इस्राईली अधिकारियों से मुलाक़ातें कर चुके थे।

ब्लिंकन ने कई ट्वीट करते हुए कहा कि उनका देश तनाव और हिंसा कम करवाने के लिए अपनी कोशिश जारी रखेगा। उनका कहना था कि टू स्टेट सोल्युशन को नुक़सान पहुंचाने वाली हर कार्यवाही का कड़ाई से विरोध किया जाएगा जिसमें फ़िलिस्तीनी इलाक़ों पर ज़ायनी बस्तियों के विस्तार की कार्यवाही भी शामिल है।

महमूद अब्बास ने हालात बिगड़ने के लिए इस्राईल के चरमपंथी मंत्रियों की भड़काऊ कार्यवाहियों को पूरी तरह ज़िम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि फ़िलिस्तीनी अवाम हमेशा के लिए ग़ैर क़ानूनी क़ब्ज़े को हरगिज़ सहन नहीं करेंगे।

फ़िलिस्तीनी प्रशासन ने इस्राईली सैनिकों के भयानक हमले में 10 फ़िलिस्तीनियों की शहादत इसी तरह अलग अगल कार्यवाहियों में दर्जनों फ़िलिस्तीनियों के घायल होने और उनके घर गिराए जाने के बाद इस्राईल से सुरक्षा कोआर्डिनेशन समाप्त कर दिया है। इस्राईली हमलों के जवाब में फ़िलिस्तीनियों से तरफ़ से किए गए हमले में कम से कम 7 इस्राईली मारे गए हैं।