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इस्राईल में हालात ख़राब, राजनैतिक और सेनिक नेतृत्व आमने-सामने : परिंदे अपने घोंसले के नज़दीक पहुंचे : रिपोर्ट

अवैध ज़ायोनी शासन ने दावा किया है कि उसकी वायु रक्षा प्रणाली आयरन डोम ने ग़ाज़ा में एक ड्रोन को मार गिराया है।

फ़िलिस्तीन की शहाब न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक़, ज़ायोनी आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम ने ग़ाज़ा के आसमान में एक ड्रोन की तरह दिखने वाली चीज़ को निशाना बनाकर मार गिराया है। इस बीच इस्रईली मीडिया ने आतंकी ज़ायोनी सेना की ओर से किए गए दावे की पुष्टि करते हुए कहा है कि ग़ाज़ा के आसमान में बड़े विस्फोटों की आवाज़ें सुनी गईं, जो ड्रोन विमान बताया जा रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, गाजा में बद्र संगठन के केंद्र से भी धुएं के बादल उठते दिख रहे हैं, जिसे ज़ायोनी हमले का निशाना बताया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक़, ज़ायोनी सरकार ने घोषणा की है कि पिछले 24 घंटों में ग़ाज़ा के आसमान में ड्रोन को मार गिराने की यह दूसरी घटना है। याद रहे कि रविवार को ज़ायोनी सरकार ने ग़ाज़ा के आसमान में एक अज्ञात वस्तु को मार गिराने के लिए आयरन डोम प्रणाली के माध्यम से दो मिसाइलें दाग़ी थीं।


इस्राईल में हालात ख़राब राजनैतिक और सेनिक नेतृत्व आमने सामने

इस्राईली मीडिया का कहना है कि इस्राईली राजनैतिक और सैनिक नेतृत्व इस समय बड़ी बदहाली के दौर से गुज़र रहे हैं और हालात पर ईरान और हिज़्बुल्लाह का नियंत्रण है।

इस्राईल की चैनल 13 के सामरिक मामलों के टीकाकार एलन बिन डेविड ने मआरीव समाचार पत्र से कहा कि पहले इस्राईली सेना इस्राईल के हितों के लिए इस्तेमाल होती थी मगर अब इस्राईल का राजनैतिक नेतृत्व सेना पर हमला कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख के बीच पहला टकराव गत शुक्रवार को देखने में आया जब वायु सेना चीफ़ ने 60 रिज़र्व सैनिकों के साथ एलान कर दिया कि वो काम जारी रखने या छोड़ देने के लिए किसी और के आदेश को नहीं मानेंगे बल्कि अपनी मर्ज़ी के अनुसार काम करेंगे।

यह बयान जारी होने के बाद प्रधानमंत्री नेतनयाहू ने सेना पर ज़ोर दिया कि वो इस बयान का खंडन करे। नेतनयाहू यह समझने को तैयार नहीं हैं कि यह लीक हुई ख़बर नहीं सेना का औपचारिक बयान है जो सेना के प्रवक्ता ने दिया और इसका खंडन नहीं किया जा सकता।

इस्राईल में पायलटों पर हमले हुए और सेना में काम छोड़ने का एलान करने वाले सैनिकों को निशाना बनाया गया जिन्होंने न्यायिक बदलाव पर आपत्ति जताते हुए सेना को छोड़ा था। इसका पूरा ठीकरा नेतनयाहू ने सेना प्रमुख के सर फोड़ दिया कि वो सेना को संभाल नहीं पाए।

बिनयामिन नेतनयाहू के बेटे याईर नेतनयाहू ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ार्म पर लिखा कि इस्राईल के वर्तमान सेना प्रमुख को इस्राईल के इतिहास के सबसे नाकाम सेना प्रमुख के रूप में याद किया जाएगा।

इस्राईली मीडिया के अनुसार इस समय इस्राईल में गहरे विभाजन की स्थिति है। एक धड़ा बिनयामिन नेतनयाहू के साथ और दूसरा सेना के साथ है।

हज़रत ज़ैनब के रौज़े की ओर आंख उठा कर देखने वालों का क्या होगा अंजाम?

पिछले दिनों सीरिया की राजधानी दमिश्क़ में स्थित पैग़म्बरे इस्लाम (स) की प्राण प्रिय नवासी और इमाम हैसुन की बहन हज़रत ज़ैनब के पवित्र रौज़े के नज़दीक तकफ़ीरी आतंकवादी गुट दाइश ने एक के बाद एक धमाके करके मोहर्रम के महीने में दहशत का माहौल पैदा करने की साज़िश की थी। इस हमले में 6 लोग हताहत और एक दर्जन से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे।

तकफ़ीरी आतंकवादी गुट दाइश के आतंकवादियों ने दमिश्क़ के ज़ैनबिया क्षेत्र में अस्सूदान नामक सड़क पर एक वाहन के निकट विस्फोटकों से भरी एक मोटर साइकिल के लिए धमाका किया था। दाइश ने बयान जारी करके स्वीकार किया था कि उसने यह हमला हज़रत ज़ैनब के रौज़े को लक्ष्य बनाकर किया था, लेकिन सुरक्षा घेरा मज़बूत होने के कारण वह वे रौज़े तक नहीं पहुंच पाए थे। दाइश ने अपने बयान में इस बात को भी क़बूल किया था कि उसका उद्देश्य इन बम धमाकों से शिया मुसलमानों को मौत के घाट उतारना और उनके पवित्र स्थलों को पूरी तरह नुक़सान पहुंचाना है। दाइश की इस स्वीकारोक्ति से यह बात तो पूरी तरह साबित हो जाती है कि इस ख़ंख़ार आतंकवादी गुट के पीछे वह ताक़तें हैं जो शिया मुसलमानों से भयभीत है, जो पूरी दुनिया में फैलते कर्बला के संदेश से डरे हुए हैं और जिनके लिए आशूरा आंदोलन एक डरावना सपना है। लेकिन दुश्मन चाहे जितना बुरा सोच ले, जितनी साज़िशें कर ले और जितने आतंकवादी पैदा कर ले, हर दौर में ज़ालिम के ख़िलाफ़ डटकर मुक़ाबला करने वाले जियाले भी जन्म लेते हैं। इस दौर में हिज़्बुल्लाह जैसे प्रतिरोधक बल के जवान ज़ालिमों को ईंट का जवाब पत्थर से देने की क्षमता रखते हैं। जिसका सबूत है आशूरा के दिन दमिश्क़ के ज़ैनबिया इलाक़े में धमाके करने वाले आतंकी वेसाम माज़िन का अंजाम।

कुछ दिनों पहले ईरान के शीराज़ शहर में स्थित हज़रत शाह चिराग़ के रौज़े पर भी दाइश के आतंकियों ने हमला किया था। हालिया दिनों में एक बार फिर शिया मुसलमानों के धार्मिक स्थलों को तकफ़ीरी आतंकवादियों ने निशाना बनाए जाने की घटनाओं में वृद्धि हुई है।

समाचार एजेंसी तसनीम की रिपोर्ट के मुताबिक़, हिज़्बुल्लाह ने लेबनान में एक बड़े आतंकी ऑपरेशन को नाकाम कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, हिज़्बुल्लाह के जियालों ने दक्षिण बैरूत के ज़ाहिया इलाक़े में एक बड़ी आतंकी हमले की साज़िश को उस समय नाकाम बना दिया है, जब हिज़्बुल्लाह को लेबनान में वेसाम माज़िन नाम के आतंकवादी की मौजूदगी की जानकारी मिली। यह आतंकवादी आशूरा के दिन दमिश्क़ में हुए बम विस्फोट में शामिल था, जिसमें 6 लोग शहीद हो गए थे और 23 अन्य घायल हो गए थे। यह आतंकी सीरिया में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के बाद वहां से भागकर लेबनान पहुंचा था। आतंकी माज़िन को लेबनान में भी आतंकी कार्यवाहियां अंजाम देने के लिए उसके आक़ाओं ने आदेश दिया था। इस बीच हिज़्बुल्लाह के ख़ुफ़िया तंत्र को उसके लेबनान पहुंचने और दक्षिण बैरूत के हय्युस्सलाम इलाक़े में स्थित एक इमारत की आख़िरी मंज़िल पर होने की सूचना मिली। जिसके बाद हिज़्बुल्लाह के जियालों ने एक कार्यवाही करते हुए हज़रत ज़ैनब अलैहा के रौज़े को लक्ष्य बनाकर धमाका करने वाले आतंकी को मार गिराया। साथ ही हिज़्बुल्लाह ने एक बार फिर पवित्र स्थलों को निशाना बनाने वालों को यह साफ़ संदेश दे दिया है कि कोई भी हमारे पवित्र स्थलों की ओर आंख उठाकर देखेगा उसका अंजाम आतंकी माज़िन जैसा ही होगा