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इस्लामी क्रांति ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई ने कहा-”शिक्षा के बिना विकास संभव नहीं है”

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने आज पूरे देश के बहुत से शिक्षकों और सांस्कृतिक व्यक्तियों से मुलाकात में कहा कि शिक्षा के बिना देश का बहुमुखी विकास संभव नहीं है।

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई ने कहा कि शिक्षा व प्रशिक्षा की सहायता के बिना कठिनाइयों से मुकाबला और देश का बहुमुखी विकास संभव नहीं है।

सर्वोच्च नेता ने आज होने वाली मुलाकात में उस्ताद शहीद मुर्तुज़ा मुतह्ररी को श्रद्धांजलि दी और उन्हें एक वास्तविक और पूर्ण शिक्षक बताते हुए शिक्षकों से सिफारिश की कि वे उनकी रचनाओं से लाभ उठायें।

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने शिक्षकों को मूल्यवान जौहरों व रत्नों को शिक्षा देने वाला बताया और कहा कि शिक्षक देश के भविष्य का निर्माण करने वाले हैं। उन्होंने शिक्षक वर्ग को देश का बेहतरीन व शरीफ वर्ग बताया और शिक्षकों द्वारा उठाये जाने वाले कष्टों के प्रति आभार जताया और कहा जागरुक, विद्वान, मोमिन और चिंतन- मनन करने वाली पीढ़ी को शिक्षित करने के महत्व की तुलना किसी अन्य चीज़ से नहीं की जा सकती।

इसी प्रकार इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने जवानों और नौजवानों में ईरानी- इस्लामी और राष्ट्रीय पहचान की भावना को ज़िन्दा करने को बुनियादी दायित्व बताया और कहा कि इस प्रक्रिया में फारसी भाषा, देश का ध्वज और ईरानी होने पर इज़्ज़त व गर्व करना महत्वपूर्ण है कि अलबत्ता ये चीज़ें केवल सिफारिश करने और बात करने से हासिल नहीं होंगी बल्कि छात्रों को इतिहास, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र की महान हस्तियों की भी शिक्षा देनी चाहिये।

ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने इस्लामी शिक्षाओं के समावेश, ईरानी और इस्लामी हस्तियों से परिचय और इसी प्रकार स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली किताबों को समय के अनुसार किये जाने को ज़रूरी बताया।