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फ़ैशन के नाम पर अंगप्रदर्शन, सभ्य और संस्कारी परिवार क्या कहते हैं ??
Arvind Verma ============== फ़ैशन के नाम पर अंगप्रदर्शन, आधुनिकता के नाम पर फूहड़ता और लिव इन रिलेशनशिप का समर्थन करने वाली अधिकतर 16 वर्ष से 66 वर्ष की लड़कियों ने अपना मत रखा कि “पुरुष भी तो करते हैं, ताली एक हाथ से नहीं बजती है”…हम भी अपनी मर्जी के मालिक हैं, हमें भी आजादी […]
मैंने_दहेज़_नहीं_माँगा” साहब, मैं थाने नहीं आउंगा…By-Anand Agrahari
Anand Agrahari ============== मैंने_दहेज़_नहीं_माँगा” साहब मैं थाने नहीं आउंगा, अपने इस घर से कहीं नहीं जाउंगा, माना पत्नी से थोड़ा मन-मुटाव था, सोच में अन्तर और विचारों में खिंचाव था, पर यकीन मानिए साहब, “मैंने दहेज़ नहीं माँगा” . मानता हूँ कानून आज पत्नी के पास है, महिलाओं का समाज में हो रहा विकास है। […]
स्वयं का उत्थान और पतन हमारी ही हाथों में है : लक्मी सिन्हा का लेख!
Laxmi Sinha ============ हमारी सोच ही हमारी जीवन के गंतव्य की दिशा और लक्ष्य निश्चित करती है। स्वयं का उत्थान और पतन हमारी ही हाथों में है। सकारात्मक विचार दिव्या ऊर्जा के स्रोत है। जो व्यक्ति इन विचारों को अंगीकार करता है, वह अपने चारों ओर के परिवेश को भी सकारात्मक ऊर्जा से भर देता […]