नई दिल्ली: सऊदी अरब में मोहम्मद बिन सलमान के बदलाव और क्रांतिकारी फैसलों का बुरा प्रभाव काफी लोगो पर पड़ रहा है,पिछले दिनों क़तर का आतँकवाद को संरक्षण देने के आरोप में सऊदी और उसके सहयोगी देशों ने बायकॉट किया था,जिससे क़तर पर संकट के बादल मंडराने लगे थे।
पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी अब तक कोई हाजी सऊदी अरब नही पहुँचा है,जिसके बाद मक्का मुकर्रमा के गवर्नर खालिद बिन फैसल आल सऊद ने ब्यान देते हुए कहा है कि अब तक कोई क़तर से कोई भी हाजी हज के लिये नही पहुँचा है।
क़तर और सऊदी अरब के बिगडते राजनीतिक रिश्तों का प्रभाव आम नागरिकों के जीवन पर पड़ रहा है जिसके कारण उनकी हज जैसी महत्वपूर्ण इबादत प्रभावित होरही है,और वे हज यात्रा से वंछित हो रहे हैं।
सऊदी अधिकारियों ने क़तर पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब क़तरी हाजियों पर प्रतिबंध लगाने की नीति अपनाई है। हज अब तक ऐसा वाजिब था जो कि अपने इतिहास में राजनीतिक उठा पटक और खींचातानी से दूर था।
क़तरी हाजियों का इस बारे में कहना है कि क़तरी हाजियों पर सऊदी अरब द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने का कारण राजनीतिक स्तर पर जारी सऊदी अरब और क़तर का मतभेद है।
हज के लिए क़तर का वार्षिक कोटा भी 8 हज़ार से घटा कर 1300 कर दिया गया है, हालांकि कतर से भौगोलिक और जनसंख्या के मामले में कहीं छोटे देशों के कोटे में कोई कटौती नहीं की गई है।
Qatar denies preventing its citizens from performing yearly Hajj https://t.co/QAI3NvpniY pic.twitter.com/ngoyzvctuf
— Al Jazeera English (@AJEnglish) August 1, 2018
इस संबंध में हज और उमरा कैंपेन के निदेशक अशरफ़ शाहीन ने क़तरी हाजियों के क्रोध और रोष की तरफ़ इशारा करते हुए कहा है कि सऊदी अरब ने क़तरी हाजियों के लिए कई रुकावटें खड़ी की है, और उनके कोटे को भी कम कर दिया है।
इसी के साथ ही सऊदी अधिकारियों ने क़तरी हाजियों की कतर की उड़ानों से सऊदी अरब आने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। और इसी के साथ ही क़तरी हाजियों के लिए केवल जद्दा का अब्दुल अज़ीज़ एयरपोर्ट ही खोला गया है।