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उत्तर कोरिया के नेता किम जोंगऊन रूस पहुंचे, पश्चिमी देशों को ज़बरदस्त टेंशन, अमेरिका के होश उड़े : वीडियो

#BREAKING : Kim Jong Un just arrived in #Russia on an armored train to meet President #Putin

किम जोंगऊन की रूस यात्रा और अमरीका

उत्तरी कोरिया के नेता की रूस यात्रा की खबर आते ही दोनो पक्षों के बीच संभावित हथियार सौदे को लेकर पश्चिमी देशों में चिंताएं बढ़ गईं हैं

रूस के राष्ट्रपति विलादिमीर पुतीन के आधिकारिक निमंत्रण पर उत्तरी कोरिया के नेता किम जोंगऊन रूस पहुंचे हैं। दोनो नेता निकट भविष्य में रूस में किसी स्थान पर मुलाक़ात कर सकते हैं।

बहुत से टीकाकारों का मानना है कि यह किम जोंगऊन की नार्मल यात्रा है किंतु कुछ बातों से इसको असाधारण यात्रा बताया जा रहा है।पहली बात यह है कि पश्चिम का दावा है कि उत्तरी कोरिया के नेता रूस को हथियार बेचना चाहते हैं और पुतीन भी उनसे हथियारों की आपूर्ति के इच्छुक हैं।

इस संदर्भ में अमरीका की सशस्त्र सेना के प्रमुख मार्क मेली का कहना है कि यूक्रेन युद्ध के लिए रूस ने उत्तरी कोरिया से हथियारों की सहायता मांगी है। उन्होंने रूस का अपमान करने के लिए कहा है कि रूस ने उत्तरी कोरिया से भीख मांगी है। इस संबन्ध में अन्तर्राष्ट्रीय मामलों के एक विशेषज्ञ सूंग ज़ूंग पीकिंग का मानना है कि उत्तरी कोरिया और रूस के बीच हथियारों के किसी भी प्रकार के संभावित सौदे से पहले पश्चिम विशेषकर अमरीका, एक मनोवैज्ञानिक युद्ध आरंभ करते हुए इस डील में बाधा बनना चाहता है।

अमरीकी हल्के कह रहे हैं कि रूस के लिए उत्तरी कोरिया की ओर से हथियारों के सौदे की सहमति से हासिल हथियारों से यूक्रेन युद्ध की कहीं तस्वीर ही न बदल जाए। इसी के साथ उनका यह भी मानना है कि उत्तरी कोरिया के पास एसे आधुनिक हथियार नहीं हैं जो यूक्रेन युद्ध में रूस की सहायता कर सके।

राजनीतिक मामलों के एक टीकाकार जो हू कहते हैं कि उत्तरी कोरिया के नेता की रूस यात्रा पर अमरीका के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की प्रतिक्रिया वास्तव मे इस यात्रा के संबन्ध में उनकी नाराज़गी को अधिक ज़ाहिर कर रही है। इसकी वजह यह है कि पूर्व की बड़ी सैन्य शक्तियों के बीच संबन्धों में मज़बूती से पश्चिम की ओर से यूक्रेन को की जाने वाली सैन्य सहायता मिट्टी में मिल जाए। यूक्रेन युद्ध में पश्चिम की पराजय, पश्चिमी देशों में बहुत से सत्तारूढ़ दलों के लिए बहुत बड़े घाटे का कारण बनेगी।

जिस प्रकार से अमरीकी कह रहे हैं कि उत्तरी कोरिया के नेता की रूस की यात्रा को वे बहुत ही निकट से देख रहे हैं इससे तो यह लगता है कि यह यात्रा, रूस से अधिक अमरीका के लिए महत्वपूर्ण हो गई है। अब पश्चिमी हल्क़े किम जांगऊन की यात्रा को यूक्रेन युद्ध से जोड़कर यह कोशिश कर रहे हैं कि मीडिया के माध्यम से वे इस सफ़र की उपलब्धियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकें।

उत्तर कोरिया के नेता रूस पहुंचे, पश्चिमी देशों को ज़बरदस्त टेंशन

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मुलाकात करेंगे।

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग ऊन मंगलवार को रूस पहुंच गए। माना जा रहा है कि किम जोंगं ऊन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे। किम की यात्रा की खबर आते ही यूक्रेन में जारी युद्ध में रूस के संभावित हथियार सौदे को लेकर पश्चिमी देशों में चिंताएं बढ़ गईं हैं।

उत्तर कोरिया के परमाणु-सक्षम हथियारों और युद्ध सामग्री कारखानों की जिम्मेदारी संभालने वाले टॉप के आर्मी ऑफिसर भी किम के साथ रूस पहुंचे हैं। उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी ने बताया कि किम देश की राजधानी प्योंगयांग से रविवार को अपनी निजी ट्रेन में सवार हुए और उनके साथ सत्तारूढ़ दल, सरकार और सेना के सदस्य थे।

इससे पहले उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी KCNA ने भी यात्रा के बारे में खबर दी थी जिसमें कहा गया था कि किम जोंग उन की पुतिन से मुलाकात होगी। हालांकि, यह मुलाकात कब और कहां होगी इसकी जानकारी एजेंसी ने नहीं दी है। KCNA ने कहा कि माननीय कॉमरेड किम जोंग उन अपनी यात्रा के दौरान कामरेड पुतिन से मुलाकात और वार्ता करेंगे। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेंगे।

किम जोंग की यात्रा को लेकर पश्चिमी देशों में तनाव है। अमेरिकी अधिकारियों ने पिछले हफ्ते खुफिया जानकारी जारी की थी कि उत्तर कोरिया और रूस अपने नेताओं के बीच इस महीने एक बैठक की व्यवस्था कर रहे हैं। माना जा रहा है कि यह बैठक पूर्वी रूस में स्थित शहर व्लादिवोस्तोक में होगी, जहां पुतिन बुधवार तक चलने वाले एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सोमवार को पहुंचे हैं।

साल 2019 में पुतिन ने इसी स्थान पर किम से पहली बार मुलाकात की थी। अमेरिका का कहना है कि पुतिन यूक्रेन की जंग के लिए उत्तर कोरिया से हथियारों की डील कर सकते हैं।

अमेरिका के अधिकारियों का मानना है कि पुतिन यूक्रेन के जवाबी हमलों को शांत करना चाहते हैं और दिखाना चाहते हैं कि वह एक लंबी लड़ाई लड़ सकते हैं। ऐसा होने पर अमेरिका और उसके साझेदारों पर बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए ज्यादा दबाव पड़ सकता है क्योंकि पिछले 17 महीनों में यूक्रेन को भारी मात्रा में अत्याधुनिक हथियार देने के बावजूद लड़ाई खत्म होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।