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एक क़बीले के सभी लोगों ने सामूहिक रूप से इस्लाम क़ुबूल किया : सुदर्शन न्यूज़ ने बेंगलुरु में बच्चा चोरी का झूठा दावा करते हुए मामले को सांप्रदायिक रंग दिया!

सोशल मीडिया में एक वीडियो वॉयरल हो रहा है, वीडियो में अफ्रीका के किसी देश के अंदर एक कबीले के लोगों ने बड़ी तादाद में इस्लाम मज़हब अपनाया बताया जा रहा है, ये वीडियो किस देश का है इसकी पुख्ता जानकारी ट्वीट में नहीं दी गयी है, ये किस तारीख और साल का है इसका भी कोई ज़िक्र नहीं किया गया है, वीडियो को ट्विटर पर अली सोहराब ने पोस्ट किया है, अली सोहराब एक संजीदा किस्म के व्यक्ति है, उनके हैंडल पर ऑथेन्टिक जानकारियां होती हैं, इसलिए माना जाता है कि वीडियो सही है

Ali Sohrab
@007AliSohrab

अफ्रीका: अपनी इबादतगाहों में रखी मूर्तियों को बाहर निकल कर तोड़ दिया और शिर्क से तौबा करते हुए कबीले के सभी लोगों ने सामूहिक रूप से इस्लाम क़ुबूल किया…

Pushpraj Yadav
@pushprajyadav97
जो कभी नही हुआ वो हो रहा है…

विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला भारत जिसका लोहा पुरी दुनियां मानती है बेशक वो शिक्षा के क्षेत्र में हो, सैनिक शक्ति हो या विदेशों में हमारे मेहनत कश मजदूर हो…

1972 मे शिमला समझौता हुआ जिसके बाद 1989 तक पाकिस्तान की हिम्मत नहीं हुई कि वो किसी भी 👇

Mohammed Zubair
@zoo_bear
सुदर्शन न्यूज़ और अन्य ने एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि बेंगलुरु में पुलिस ने ‘बच्चा चोरी करने वालों’ को गिरफ्तार किया है जो मुसलमान हैं. पुलिस ने बताया कि ये बच्चा चोरी की घटना नहीं थी और वीडियो में दिख रहा शख्स मानसिक रूप से बीमार है. |

सुदर्शन न्यूज़ ने बेंगलुरु में बच्चा चोरी का झूठा दावा करते हुए मामले को सांप्रदायिक रंग दिया

BY KALIM AHMED

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें कुछ टोपी पहने व्यक्ति और बुर्का पहनी एक महिला को पुलिस ले जा रही है. वीडियो रिकॉर्ड करने वाला व्यक्ति इन लोगों से दक्खनी या डेक्कनी में बार-बार पूछता है कि उन लोगों ने नाबालिग को अगवा करने का दुस्साहस कैसे किया.

बीजेपी समर्थक प्रोपेगैंडा आउटलेट सुदर्शन न्यूज़ ने ये क्लिप ट्वीट करते हुए लिखा, “बेंगलुरु में ‘कपड़ों’ से पहचान सकते हैं?? शिवाजी नगर बस स्टॉप पर बच्चों के अपहर्ताओं को रंगे हाथ पकड़ा गया. शहर में बच्चों के “अपहरण” करने का जमावड़ा, सभी जागरूक रहें …” कैप्शन की पहली लाइन में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ, 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई एक टिप्पणी की ओर इशारा किया गया है. ये टिप्पणी उन्होंने तब की थी जब 2019 में CAA-NRC का विरोध चरम पर था.

बेंगलुरु में ‘कपड़ों’ से पहचान सकते हैं?? शिवाजी नगर बस स्टॉप पर बच्चों के अपहर्ताओं को रंगे हाथ पकड़ा गया। शहर में बच्चों के “अपहरण” करने का जमावड़ा, सभी जागरूक रहें … pic.twitter.com/D0GIbvo2pa

— Sudarshan News (@SudarshanNewsTV) May 1, 2023

अक्सर सोशल मीडिया पर ग़लत जानकारी शेयर करने वाले, अमिताभ चौधरी ने ये क्लिप ट्वीट करते हुए लिखा कि अगर आरोपी ‘अवैध बांग्लादेशी या रोहिंग्या’ निकले तो उन्हें कोई आश्चर्य नहीं होगा. उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिम तुष्टिकरण और बंदोबस्त के कारण बेंगलुरु लंबे समय से ‘टाइम बम’ पर बैठा हुआ है.

#Bengaluru : Burqa clad woman & 2 mslim men in skull cap have been arrested for Child kidnapping!

Won’t be a shocker if they turn out to be illegal Bangladeshi or Rohingya. Bangalore is sitting on time b@mb since long due to mslim appeasement & settlement.@zoo_bear fact check! pic.twitter.com/WZcqSHoA8u

— Amitabh Chaudhary (@MithilaWaala) May 1, 2023

इसी तरह की कैप्शन्स के साथ ये क्लिप कई यूज़र्स ने @ExSecular, @Sudhir_mish, @ashishvyas__, और @Siingh777 ने ट्वीट की हैं.

फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो की जांच लोकेशन वेरिफ़िकेशन के साथ शुरू की. सुदर्शन न्यूज़ के ट्वीट में ज़िक्र किया गया है कि कथित आरोपी को शिवाजी नगर बस स्टैंड से पकड़ा गया है. इसे ध्यान में रखते हुए,हमने शिवाजी नगर बस स्टैंड को गूगल मैप्स पर ढूंढा. और हमें पता चला कि वीडियो में दिख रही जगह, शिवाजी नगर बस स्टैंड से मेल खाती है.

इसके बाद, हमने DCP ईस्ट बेंगलुरु डॉ. भीमाशंकर एस गुलेड से बात की. उन्होंने कहा कि वीडियो में पानी की बोतल पकड़े दाढ़ी वाला व्यक्ति इस मामले का आरोपी है. DCP ने सुदर्शन न्यूज़ द्वारा किए गए दावों को साफ तौर पर ग़लत बताया.

भीमाशंकर ने बताया, “आरोपी का नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस (NIMHANS) में इलाज चल रहा था, और उस दिन नियमित जांच के बाद वो अपने मां -बाप के साथ उस जगह (शिवाजी नगर) में आया था. उसने बच्चे को नहीं छीना, उसने बच्चे को तब छुआ जब बच्चा अपने मां-बाप के पास में था. ये कहना ग़लत है कि उसने बच्चे को छीनने की कोशिश की लेकिन ये भी स्पष्ट नहीं है कि उसने बच्चे को क्यों छुआ. हम जो पुष्टि कर सकते हैं वह ये है कि वो दिमागी मरीज था. हम ये भी पुष्टि कर सकते हैं कि सोशल मीडिया पर जो पेश किया जा रहा है, उससे अलग दोनों एक ही धर्म के थे.”

उन्होंने कहा, “एक बार जब पुलिस को घटनाक्रम से अवगत कराया गया तो उन्होंने तुरंत मामले का संज्ञान लिया. पुलिस ने NIMHANS में उसके रिकॉर्ड की जांच की और एक बार जब ये सब उस बच्चे के मां-बाप को दिखाया गया, तो उन्होंने शिकायत दर्ज नहीं की. मुझे भी इस मामले से अवगत कराया गया था और मैंने व्यक्तिगत रूप से रिकॉर्ड की जांच की और पुलिस के बयान को वेरिफ़ाई किया.”

इसके आलावा, ऑल्ट न्यूज़ ने कॉमर्शियल स्ट्रीट पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से बात की जिन्होंने हमें बताया कि आरोपी 15/16 अप्रैल की सुबह अपने परिवार के साथ शिवाजी नगर आया था और वो मानसिक रूप से बीमार था. गुस्से में आकर पीड़ित परिवार ने वीडियो रिकॉर्ड किया था. लेकिन मेडिकल रिकॉर्ड की जांच करने के बाद उन्होंने शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया.