विशेष

एमएसपी क्यों ज़रूरी है….?….उसका नाम सद्दाम नही बल्कि रंजीत सिंह है!!!

M.M. Dhera(Advocate)
@AdvocateDhera
एमएसपी क्यों जरूरी है..?
इसका उत्तम उदाहरण नीचे है आज सड़क पर फेंका जाने वाला टमाटर ₹12 मे ‘एक’ खरीदा और ₹180 मे मिलने वाला कुकीज़ का डब्बा मात्र ₹19 में खरीदा.

हमें ना तो रास्ते पर किसानों के द्वारा फेंका गया मेहनत की कमाई का टमाटर मंजूर है और ना ही ₹12 में एक.. ना तो किसानों को लागत मिल पा रही है और ना ही बढ़े हुए कीमतों का फायदा.. ऐसा क्यों होता है कि हमारे ज्यादा दाम देने पर भी किसानों तक उसका पूरा पूरा फायदा नहीं पहुंच पाता और वह आत्महत्या करने को मजबूर हैं….?

इसकी सबसे बड़ी दिक्कत है… “बिचौलिए”

जो किसानों और जनता के बीच सरकार के नुमाइंदे बने हुए हैं… उन पर लगाम कसना जरूरी है.. और यह बिचौलिए ही समस्या का उत्तम समाधान निकाल सकते हैं इसीलिए इन्हें पूरी तरह खत्म नहीं करना है जैसा कि काले कानूनों के कारण इनके समूचे अस्तित्व पर ही सवाल उठ गया था इसीलिए एमएसपी बाजार के लिए जरूरी है जरूरी नहीं कि बिचौलिए अगर (रिंग बनाकर) खरीद नहीं रहे हैं तो सरकार स्टॉक करें कम से कम सब्जियों में तो नहीं.

अब बात करते हैं मार्केट… मॉल की, पॉलिसीज की.
यहां पर भी सरकार की पॉलिसी जिम्मेदार लगती है जो अपने उद्योगपतियों को लगाम नहीं लगा पा रही है डिस्काउंट का ऐसा मकड़जाल फैला है कि समझ ही नहीं आ रहा की वस्तु की असली कीमत क्या है ₹100 वाली चीज ₹200 लगाकर 40 – 50 परसेंट डिस्काउंट करके आपको वही चीज उसी दाम में पहले बेची जाती है ( जबकि 100 की कीमत भी दुगने के आसपास यानी 50 की ही होती है) फिर थोड़े दिन बाद डिस्काउंट हटा दिया जाता है और आप महंगाई का ख्याल करते हुए विरोध नहीं बल्कि जस्टिफाई करते हैं… और यह हर मैन्युफैक्चरिंग एवं सर्विस सेक्टर दोनों में हो रहा है… और हर कोई मनमानी दाम बढ़ाता ही जा रहा है…

… और हम वेनेजुएला टर्की श्रीलंका पाकिस्तान की तरह इन्फ्लेशन से बर्बाद होते देशों की कतार में खड़े हो रहे हैं… और यह सब जीएसटी आने के बाद से बुलेट ट्रेन की स्पीड से बढ़ रहा है सरकार के खजाने में सुनामी की तरह पैसा आ रहा है… तो उसे कोई फिक्र नहीं… सोचना आपको हैं

Zakir Ali Tyagi
@ZakirAliTyagi
यूपी ATS ने हाल ही में हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े होने के शक़ 2 व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया था,उसमे एक व्यक्ति सद्दाम शेख़ था,अब पूछताछ में पता चला है कि उसका नाम सद्दाम नही बल्कि रंजीत सिंह है,गोंडा जिले के रहने वाले रंजीत को उसके पिता ने चोरी के आरोप में पीटा तो वह मुंबई भाग गया और अब उसने अपना नाम सद्दाम शेख़ रख लिया था!


Rizwan Ahmad Official 🇮🇳
@Riz_wank
UP: ATS ने हाल ही में हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े होने के शक़ 2 व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया था, उसमें से एक व्यक्ति सद्दाम शेख़ था, अब पूछताछ में पता चला है कि असल में उसका नाम सद्दाम नही बल्कि रंजीत सिंह है, बीस साल पहले गोंडा जिले के रहने वाले रंजीत को उसके पिता ने

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