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एर्दोगान ने तुर्की को मजबूत बनाने के लिये,विदेश में रह रहे सभी वैज्ञानिकों को वापस बुलाया

नई दिल्ली: पिछले दिनों अमेरिका के आर्थिक हमले का शिकार हुए तुर्की को और अधिक शक्तिशाली और मजबूत बनाने के लिये राष्ट्रपति तय्यब एर्दोगान कोई ना कोई मजबूत क़दम उठाते रहते हैं,इस बार एर्दोगान ने विदेश में रहने वाले तुर्क वैज्ञानिकों को वापस अपने देश में आने की बात कही है और उनसे कहा है कि वो देश की सेवा करें।

रजब तय्यब एर्दोगान ने राजधानी इस्तन्बुल में आयोजित एक डीजिटल सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि मेधावी अपने देश की सेवा करें और अपने देश को प्रगति प्रदान करें।

उन्होंने कहा कि तुर्की की सरकार ने एक योजना तैयार की है जिसके अन्तर्गत उन तुर्क मेधावियों और विद्वानों को स्वदेश वापस लाने का प्रयास किया जाएगा जो वापस आना चाहते हैं।

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने अमरीका का नाम लिए बिना कहा कि कई चरणों की वार्ता के बाद भी वे पैसे लेकर तुर्की को एक ड्रोन बेचने को तैयार नहीं हुए।

उन्होंने कहा कि वे जो पैसे लेकर भी तुर्की को एक ड्रोन देने को उपस्थित नहीं हुए उन्होंने ही आतंकवादी गुटों को उन्निस हज़ार ट्रक, विमान और हथियार भेजे हैं। ज्ञात रहे कि हालिया कुछ सप्ताहों से तुर्की और अमरीका के संबन्ध तनावपूर्ण होते जा रहे हैं।