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मेटामार्फोसिस (इक्कीसवीं सदी) : ताक़तवर नंगे लोगों की एक कथा और एक पहेली!
Kavita Krishnapallavi ============= ताक़तवर नंगे लोगों की एक कथा और एक पहेली राजा भी नंगा था पुरोहित धर्मध्वजाधारी भी और चारण भी और सभी प्रचारक भी I फिर गरजा धर्मध्वजाधारी, “मैं सबको नंगा कर दूँगा जो मुझे पाखंडी कहेंगे!” फिर राजा बोला मुस्कुराकर, “हरदम डराने की ज़रूरत नहीं होती I कवियों, कलावंतों और बौद्धिकों को […]
कभी यह सोचा है कि अगर हमारे ऊपर कोई जबरन नियंत्रण करने की कोशिश करें तो क्या होगा?…लक्ष्मी सिन्हा का लेख पढ़ें!
Laxmi_sinha ============ क्या हमने कभी यह सोचा है कि अगर हमारे ऊपर कोई जबरन नियंत्रण करने की कोशिश करें तो क्या होगा,,? प्रकृति के नियम अनुसार पतझड़ के मौसम में असंख्य पत्ते पैडों से गिरते हैं,परंतु इस पर न पेड़ रोते हैं और न गिरते हुए पत्ते। क्यों? क्योंकि वे प्रकृति के नियमों की भली-भांति […]
धन्य हैं हम कि इस समय के साक्षी रहे!
Kavita Krishnapallavi ============== धन्य हैं हम कि इस समय के साक्षी रहे! ये इक्कीसवीं सदी के शुरुआती सौभाग्यशाली दशक थे जब विकटतम तिमिराच्छन्न दिनों के बावजूद हिन्दी भाषा के सभी अच्छे कवि इतने अच्छे थे, इतने अच्छे थे कि फ़ासिस्ट और हत्यारे तक उनकी कविताई के क़ायल थे I उनके दिल इतने अच्छे थे, इतने […]