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ऑपरेशन ‘लोटस’ : एकनाथ शिंदे शाम 7.30 बजे लेंगे सीएम पद की शपथ, मैं पीएम मोदी, अमित शाह और भाजपा नेताओं का आभार व्यक्त करता हूं  : लाइव अपडेट

महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच बुधवार देर रात उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद आज देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच अहम बैठक हुई। दोनों राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे। महाराष्ट्र संकट से जुड़े पल-पल के अपडेट के लिए बने रहें अमर उजाला के साथ…

शिंदे गुट के विधायकों ने होटल में मनाया जश्न

एकनाथ शिंदे का नाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में घोषित किए जाने के बाद गोवा के एक होटल में ठहरे शिंदे गुट के विधायकों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया।

#WATCH | Eknath Shinde-faction MLAs, staying at a hotel in Goa, celebrate following his name being announced as the Chief Minister of Maharashtra. pic.twitter.com/uJVNa4N74g

— ANI (@ANI) June 30, 2022

राज ठाकरे ने कसा उद्धव ठाकरे पर तंज

उद्धव ठाकरे के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद उनके चचेरे भाई और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने एक ट्वीट के जरिए उन पर कटाक्ष किया। मनसे प्रमुख ने कहा, जब कोई सौभाग्य को अपनी उपलब्धि समझ लेता है, तो उसके पतन की यात्रा शुरू हो जाती है। बता दें कि वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे और पार्टी के अधिकतर विधायकों के विद्रोह के बाद उद्धव ठाकरे ने सीएम पद छोड़ दिया था।

राज ठाकरे ने पिछले महीने उद्धव ठाकरे से लाउडस्पीकर के मुद्दे पर अपनी पार्टी (मनसे) के धैर्य की परीक्षा नहीं लेने के लिए कहा था और उन्हें याद दिलाया था कि सत्ता स्थायी नहीं है। उन्होंने कहा था कि कोई भी सत्ता का ताम्रपत्र लेकर नहीं आया है। यहां तक कि आपके पास भी नहीं है, उद्धव ठाकरे।

हम शिकायतें लेकर उद्धव ठाकरे के पास गए थे: शिंदे

एकनाथ शिंदे ने कहा, हम अपने निर्वाचन क्षेत्र की शिकायतों और विकास कार्यों के साथ पूर्व सीएम ठाकरे के पास गए और उन्हें सुधार की जरूरत पर सलाह दी क्योंकि हमें यह एहसास होने लगा था कि हमारे लिए अगला चुनाव जीतना मुश्किल होगा। हमने भाजपा के साथ स्वाभाविक गठबंधन की मांग की। हमने जो निर्णय लिया है वह बालासाहेब के हिंदुत्व और हमारे विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए प्रतिबद्ध है। हमारे साथ 50 विधायक हैं।

शिंदे बोले- विधायकों के भरोसे को नहीं तोडूंगा

महाराष्ट्र के मनोनीत सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि शिवसेना के 40 विधायकों सहित कुल 50 विधायक हमारे साथ हैं। हमने उनकी मदद से अब तक यह लड़ाई लड़ी है। इन 50 लोगों ने मुझ पर जो विश्वास जताया है, मैं उसे एक खरोंच भी नहीं आने दूंगा, भरोसे को नहीं तोड़ूंगा।

शिंदे बोले, फडणवीस करते रहेंगे मार्गदर्शन

महाराष्ट्र के मनोनीत सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा- भाजपा के पास 120 विधायक हैं लेकिन उसके बावजूद देवेंद्र फडणवीस ने सीएम का पद नहीं संभाला। मैं पीएम मोदी, अमित शाह और अन्य भाजपा नेताओं के साथ उनका आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने उदारता दिखाई और बालासाहेब के सैनिक (पार्टी कार्यकर्ता) को राज्य का सीएम बनाया। फडणवीस भले ही सरकार से बाहर रहेंगे लेकिन हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।

मैं सरकार से बाहर रहूंगा: फडणवीस

देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान फडणवीस ने कहा कि एक तरफ शिवसेना ने दाऊद इब्राहिम का विरोध किया और दूसरी तरफ उन्होंने एक ऐसे शख्स को कैबिनेट में रखा जो दाऊद की मदद करने के आरोप में जेल गया था। वे सावरकर का अपमान करने वाले के साथ गठबंधन में थे। 2019 में बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन हुआ था और हमें विधानसभा चुनावों में आवश्यक संख्या मिली थी। हमें सरकार बनाने की उम्मीद थी, लेकिन शिवसेना ने उन लोगों के साथ गठबंधन करना चुना जिनके खिलाफ बालासाहेब ने जीवन भर विरोध किया।

उन्होंने कहा कि शिवसेना ने उन लोगों के साथ गठबंधन किया, जो हिंदुत्व और सावरकर के खिलाफ हैं। शिवसेना ने जनादेश का अपमान किया। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे। शपथ समारोह आज शाम 7.30 बजे होगा। इसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार होगा और शिवसेना और भाजपा के नेता शपथ लेंगे। मैं सरकार से बाहर रहूंगा।

एकनाथ शिंदे शाम 7.30 बजे लेंगे सीएम पद की शपथ

भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में घोषणा की कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे। शपथ समारोह आज शाम 7.30 बजे होगा।

सरकार बनाने का दावा पेश

एकनाथ शिंदे और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया।

चार राज्यों में ऑपरेशन ‘लोटस’ से सरकार बना चुकी है भाजपा

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के साथ ही राज्य में भाजपा की सरकार बनना तय है। देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे गुट के विधायकों के समर्थन से राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। अगर सब ठीक रहा तो देवेंद्र फडणवीस जल्द ही सीएम पद की शपथ भी ले सकते हैं। इसी के साथ करीब ढाई साल बाद भाजपा एक बार फिर महाराष्ट्र की सत्ता में लौटने में सफल होगी।

इस पूरे घटनाक्रम के साथ ही पिछले छह साल के अंदर ये पांचवां राज्य होगा जहां भाजपा का ऑपरेशन ‘लोटस’ सफल होगा। इसके पहले चार राज्यों में भाजपा की ऐसे ही सरकार बन चुकी है। आज हम आपको उन्हीं राज्यों के बारे में बताएंगे…

1. अरुणाचल प्रदेश : जब कांग्रेस के 42 विधायक हो गए बागी

ये बात 2016 की है। अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। लेकिन पार्टी के अंदर विवाद हो गया। इसके बाद कांग्रेस के 42 विधायकों ने बागी रूख अख्तियार कर लिया। इन सभी ने पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (PPA) बना ली और भाजपा के साथ गठबंधन सरकार बनाई। बाद में PPA का भाजपा में विलय हो गया था।

2. कर्नाटक : जेडीएस-कांग्रेस के विधायकों ने बना दी भाजपा की सरकार

ये बात साल 2018 की है। कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन बहुमत के आंकड़ों से दूर थी। उस समय जेडीएस और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बना ली। फिर ऑपरेशन ‘लोटस’ चला। एक साल बाद इन दोनों पार्टियों के कई विधायकों ने एकसाथ इस्तीफा दे दिया। इसके चलते कुमार स्वामी की सरकार गिर गई। भाजपा ने कर्नाटक में अपनी सरकार बनाई। तब विपक्ष ने भाजपा पर ऑपरेशन लोटस चलाने का आरोप लगाया था।

3. मध्य प्रदेश : जब सिंधिया बन गए बागी

ये मामला भी साल 2020 का ही है। तब ऑपरेशन लोटस मध्य प्रदेश में भी सफल हुआ था। यहां 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में 15 साल बाद कांग्रेस सत्ता में वापस आई थी। कमलनाथ मुख्यमंत्री बनाए गए थे। तब मुख्यमंत्री का सपना देख रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी सामने आई। कुछ समय बाद उन्होंने बगावत कर दी। सिंधिया के पास 22 विधायकों का साथ था। सभी ने कांग्रेस से समर्थन वापस ले लिया और सरकार गिर गई।  सिंधिया गुट के 22 विधायक भाजपा के साथ चले गए। भाजपा के शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने। वहीं, सिंधिया को राज्यसभा का सांसद बनाकर भाजपा ने केंद्रीय मंत्री बना दिया।

4. गोवा : कांग्रेस में बगावत, खिला कमल

साल 2017 का मामला है। यहां भी चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन भाजपा ने खेल बिगाड़ दिया। यहां भी भाजपा ने ऑपरेशन लोटस चलाया और कांग्रेस के 10 विधायकों ने एक साथ राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। सभी भाजपा में शामिल हो गए। यहां भी भाजपा सरकार बनाने में कामयाब हो गई।