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है दिवाना वो मगर ये ख़बर न थी मुझको!, जान दे कर के अपनी हद से गुज़र जायेगा!!…अम्बर बालमपुरी की ग़ज़ल
Amber Balrampuri ===================== हार कर ज़िन्दगी से अपने किधर जायेगा! लगाकर मौत को गले से अपने मर जायेगा!! भटक रहा है कोई दिल में आरज़ू लेकर! मिले ठिकाना कोई उसको वो ठहर जायेगा!! हुनर कोई भी हो किसी में हो आलिम भी! मिस्ले खुशबु वो फज़ाओं में बिखर जायेगा!! अब तलातुम में है कश्ती खो […]
दार्सनिक कुत्ता…मास्टर लड़की पर डोरे डाल रहा है…फिर छेदालाल ने सच जानने के लिए छुपकर…!!
Kavita Krishnapallavi =================== ( बेहद अँधेरे दिनों में भी हँसना ज़रूरी होता है I जीवन की विडम्बनाओं पर, त्रासदियों पर, अपने दुश्मनों पर, फ़ासिस्टों पर, नकली वामपंथियों पर, लिबलिब लिबरलों पर, कूपमंडूक “सद्गृहस्थों” पर दिल खोलकर हँसना चाहिए I हँसना ऊर्जस्वी और ताज़ादम बनाता है I इसलिए एकदम उन्मुक्तता और निर्मलचित्तता के साथ हँसना ज़रूरी […]
आख़िर क्या हुआ था रचना को ?
Surendra Kalyana Nokha =================== आखिर क्या हुआ था रचना को ? बाज़ार में इस बारे में कई लोगों ने पूछा पर रामदास ने हाथ हिला दिया और ठेले को तेजी से धकेलता हुआ आगे चला गया। ठेले पर उसकी बेटी रचना बैठी थी। उसके माथे से खून निकल रहा था। रामदास बेटी को जल्दी से […]