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कट्टरपंथी संगठन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की चेतावनी के बाद भगवा आतंकियों का आतंकी जारी, मुस्लिम व्यापारी बना शिकार : रिपोर्ट

भारत में मुसलमानों के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा न केवल कम होने का नाम नहीं ले रही है बल्कि इसमें हर दिन वृद्धि होती जा रही है। वहीं खुले आम क़ानून की धज्जियां उड़ाते भगवा आतंकी किसी न किसी बहाने से मुसलमानों पर हमला करते रहते हैं। इस बार ट्रेन में यात्रा कर रहे एक मुस्लिम व्यापारी के कट्टरपंथी हिन्दुओं ने निशाना बनाया है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, दिल्ली से प्रतापगढ़ जा रही पद्मावत एक्सप्रेस में एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई का मामला सामने आया है। मारपीट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। पीड़ित मुस्लिम व्यक्ति का आरोप है कि चोरी के झूठा आरोप लगाकार कुछ लोगों ने उसके साथ मारपीट की है। इसके साथ ही उसने आरोप लगाया है कि उससे ‘जय श्रीराम’ के नारे भी लगाने को कहा गया, हालांकि, उसने ऐसा करने से मना कर दिया, जिसके बाद भगवा आतंकियों उसकी बेरहमी से पीटाई कर दी। वायरल वीडियो की पुष्टि करते हुए पीड़ित शख़्स ने कई और गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित ने बताया कि, “वह दिल्ली से मुरादाबाद के लिए पद्मावत ट्रेन में चढ़ा था। हापुड़ में कुछ लोग ट्रेन में चढ़े, ट्रेन में भीड़ बहुत थी, 8-10 लोगों ने धक्का-मुक्की शुरू कर दी, उसी दौरान एक आदमी ने पीछे से बोला, मुल्ला चोर है, मुल्ला चोर ही होते हैं, यह सुनते ही लोगों ने मारना चालू कर दिया” उन्होंने आगे बताया कि “लोगों ने मेरी दाढ़ी भी खींची और जय श्रीराम के नारे भी लगाने को कहा, मैंने जय श्रीराम का नारा लगाने से मना कर दिया, जिसके बाद उन्होंने मेरे कपड़े उतार दिए और ख़ूब मारा। आरोपियों ने मेरे 2,200 रुपए भी निकाल लिए।”

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बदहवासी में पीड़ित किसी तरह मुरादाबाद स्टेशन पर ट्रेन से नीचे उतरा, जहां एक परिचित ने उसकी मदद की। इस मामले में पीड़ित ने GRP से लिखित शिकायत की है। वहीं इस मामले में मुरादाबाद GRP सीओ देवी दयाल ने बताया कि मामला सामने आने के बाद दो आरोपी युवकों को बरेली स्टेशन पर हिरासत में लिया गया है। आरोपियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही की जा रही है। इस घटना की निंदा पर अब मुस्लिम संगठनों और नेताओं की ओर से बयान आने शुरू हो गए हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, “उन्हें अपने कपड़े उतारने और जेएसआर के नारे लगाने के लिए मजबूर किया गया। आरएसएस के मोहन ने” हज़ार साल की जंग “का ज़िक्र किया। क्या यह उसी जंग का एक और सबूत है @Uppolice @rpfnr_ को इस पर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए।”

न्यूज़ सोर्स : पारस टुडे हिंदी