कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस ने आज से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत कर दी है। इस यात्रा को लेकर अब सियासत भी तेज हो गई है।
कांग्रेस की भारत जोड़ो रथ यात्रा को लेकर सियासत तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी जहां राहुल गांधी को निशाने पर ले रही है तो वहीं कांग्रेस पार्टी के नेता भी लगातार पलटवार कर रहे हैं। इसी क्रम में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने भी भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा की 1990 की ‘रथ यात्रा’ सत्ता की मांग के लिए थी लेकिन कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ केवल सत्य के लिए है। कन्हैया ने कहा कि हमारी यात्रा उस देश की सोच का प्रतिनिधित्व करता है जो संविधान की प्रस्तावना में निहित है। कन्हैया कुमार ने कहा कि मैं उस यात्रा के नकारात्मक प्रभावों में नहीं जाना चाहता क्योंकि देश इसके नकारात्मक प्रभावों को पहले से देख रहा है। उन्होंने कहा कि वह लोगों के विचारों का प्रतिनिधित्व करने वाली कांग्रेस यात्रा के पीछे सकारात्मक मानसिकता पर जोर देना चाहते हैं।
यात्रा में शामिल होना किसी भी भारतीय के लिए भाग्य की बात
कन्हैया कुमार ने कहा कि यह किसी भी भारतीय के लिए बहुत भग्य की बात है कि उसे कन्याकुमारी से कश्मीर तक जाने का मौका मिला है। हम लोगों से मिलेंगे, विविध संस्कृतियों, पहनावे, भाषाओं का अनुभव करेंगे। उन्होंने कहा कि यात्रा के तीन महत्वपूर्ण पहलू हैं- सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक। यदि सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाई जा रही गलत सूचनाओं से लोग आशंकित हैं तो एक जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में अपने भाइयों और बहनों से मिलना चाहिए और उनकी समस्याओं को सुनना चाहिए।
बिहार में यात्रा नहीं करने को लेकर भी कन्हैया ने दिया जवाब
मैं बिहार से आता हूं और आपने देखा कि कोरोना के दौरान क्या हुआ। लोग गुड़गांव और मुंबई से बिहार चले गए, तो क्या राजनीतिक नेताओं को नहीं चलना चाहिए? यात्रा के बिहार नहीं जाने पर उन्होंने कहा कि कई कारकों को ध्यान में रखा गया है, यह दक्षिण से उत्तर या पूर्व से पश्चिम हो सकता है। अब हम दक्षिण से उत्तर की ओर जा रहे हैं। लेकिन यात्राएं अन्य राज्यों में ‘उप-यात्रा’ के रूप में की जाएंगी।
यात्रा इन इलाकों से होकर गुजरेगी
भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु में कन्याकुमारी से शुरू होगी और फिर उत्तर की ओर बढ़ेगी, तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, नीलांबुर, मैसूर, बे ल्लारी, रायचूर, विकाराबाद, नांदेड़, जलगांव, इंदौर, कोटा, दौसा, अलवर, बुलंदशहर, दिल्ली, अंबाला, पठानकोट के बाद जम्मू श्रीनगर में समापन होगी। यात्रा में भाग लेने वालों को भारत यात्रियों, अतिथि यात्री, प्रदेश यात्री और स्वयंसेवक यात्री के रूप में वर्गीकृत किया गया है।